डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान को सशर्त सैन्य आर्थिक मदद के तौर पर 25.5 करोड़ डॉलर (1631 करोड़ रुपया) देने की घोषणा की. पाकिस्तान इस राशि का प्रयोग निर्धारित शर्तो को पूरा करने के बाद ही कर पाएगा.
अमेरिका द्वारा लागू की गई शर्तों के अनुसार इसके तहत इस्लामाबाद को अफगानिस्तान में आतंक फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई के सुबूत देने होंगे. इससे पूर्व अमेरिका पाकिस्तान पर सख्त रुख दिख चुका है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 22 अगस्त 2017 को अफगानिस्तान के लिए नई नीति की घोषणा की थी. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकी गुटों का पनाहगाह बताते हुए इन्हें खत्म करने को कहा.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका द्वारा लागू की गई शर्तो में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि अफगानिस्तान में हमला करने वाले आतंकी गुटों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के बाद ही पाकिस्तान को सैन्य मदद की सुविधा का लाभ मिल सकेगा. शर्त के अनुसार निर्धारित समयावधि में ऐसा न करने की स्थिति में सहायता राशि अमेरिका के पास वापस चली जाएगी.
अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस्लामाबाद द्वारा तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करने के बाद फंड जारी किया जाएगा. अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकाने पूरे क्षेत्र के लिए खतरा हैं.
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