अमेरिकी कांग्रेस और हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी ने वॉशिंगटन में राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम-2019 को जॉइंट कॉन्फ्रेंस रिपोर्ट में सीएएटीएसए (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act - CAATSA) की धारा 231 में एक संशोधन कर छूट प्रदान की है
रूस के साथ सैन्य सौदा करने पर अमेरिका भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबन्ध लगाने की योजना बना रहा था. भारत के अतिरिक्त इंडोनेशिया और वियतनाम को भी इस प्रतिबन्ध से छूट दी गयी है. रूस से हथियार और ईरान से तेल खरीदने वाले देशों पर यह प्रतिबंध लगाया गया था.
अमेरिकी निर्णय के प्रमुख कारण
• भारत विश्व के सबसे बड़े सैन्य उपकरण व हथियार खरीदने वाले देशों में से एक है.
• भारत पर प्रतिबन्ध लगाने के फलस्वरूप अमेरिका भारत के विशाल बाज़ार से वंचित रह जाता.
• भारत अमेरिका से वायुसेना के लिए 110 जेट, नौसेना के लिए 57 जेट तथा 120 हेलीकाप्टर खरीदने की योजना बना रहा है, इन सभी सौदों की कुल लागत 2,75,320 करोड़ रुपये (40 अरब डॉलर) है.
• इससे पहले भारत 22 अपाचे हेलीकाप्टर, 15 बोइंग चिनूक कॉप्टर, 145 होवित्ज़र तोप का आर्डर दे चुका है.
भारत-रूस सैन्य सहयोग
अमेरिका के अलावा भारत रूस से भी बड़े पैमाने पर सैन्य उपकरण खरीदता है. भारत रूस से वायुसेना के लिए सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान, थल सेना के लिए T-90 टैंक इत्यादि खरीद चुका है. जबकि ब्रह्मोस मिसाइल भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से निर्मित की गयी है.
इसके अलावा कामोव हेलीकाप्टर का निर्माण भी भारत में संयुक्त रूप से किया जा रहा है. भारत की 62% सैन्य आवश्यकताएं रूस द्वारा पूरी की जाती हैं. इसके अतिरिक्त Mi-17 हेलीकाप्टर, MiG-29 लड़ाकू विमान के पुर्जे तथा कई बख्तरबंद वाहन इत्यादि रूस से प्राप्त किये जाते हैं.
काट्सा (CAATSA) कानून क्या है? |
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भारत-रूस मौजूदा सैन्य सौदे
- भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए समझौता किया है. यह विश्व का सबसे एडवांस डिफेंस सिस्टम माना जाता है.
- भारत रूस के साथ 48 एमआई-17-वी5 हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए अंतिम चरण की वार्ता कर रहा है.
- इसके अतिरिक्त भारत और रूस के सहयोग से ब्रह्मोस मिसाइल का अत्याधुनिक संस्करण भी तैयार किया जा रहा है.
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