विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) द्वारा विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए जारी समावेशी विकास सूचकांक की रैंकिंग में भारत दो पायदान फिसलकर 62वें स्थान पर रहा. विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने को अपनी सालाना शिखर बैठक शुरू होने से पहले यह सूची जारी की. इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शिरकत करेंगे.
मुख्य तथ्य:
• पाकिस्तान पांच पायदान चढ़कर 47वें स्थान पर रहा. इस सूची में चीन 26वें स्थान पर है.
• श्रीलंका 40वे स्थान पर, बांग्लादेश 34वे स्थान पर और नेपाल 22वे स्थान पर शामिल हैं.
• भारत से कहीं छोटे देश माली, युगांडा, रवांडा, बुरुंडी, घाना, यूक्रेन, सर्बिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ईरान, मैसेडोनिया, मैक्सिको, थाईलैंड और मलेशिया भी अर्थव्यवस्था के नाम पर भारत से अमीर है.
• विकसित अर्थव्यवस्थाओं में नॉर्वे के बाद आयरलैंड, लग्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड और डेनमार्क शीर्ष पांच में शामिल हैं.
• इस सूचकांक में जर्मनी 12वें, कनाडा 17 वें, फ्रांस 18वें, रूस 19वें, ब्रिटेन 21वें, अमेरिका 23वें, जापान 24वें, इटली 27वें, ब्राजील 37वें, और दक्षिण अफ्रीका 69वें स्थान पर है.
समावेशी विकास:
समावेशी विकास में जीडीपी में वृद्धि के साथ ही जनसंख्या के सभी वर्गो के लिए बुनियादी सुविधाओं यानी आवास, भोजन, पेयजल, शिक्षा, कौशल, विकास, स्वास्थ्य के साथ-साथ एक गरिमामय जीवन जीने हेतु आजीविका के साधनों की सुपुर्दगी भी करना शामिल है. परन्तु ऐसा करते समय पर्यावरण संरक्षण पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि पर्यावरण की कीमत पर किया गया विकास न तो टिकाऊ होता है और न ही समावेशी. यानी ऐसा विकास यहां सकल घरेलू उत्पाद की उच्च वृद्धि दर प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद की उच्च वृद्धि दर में परिलक्षित हो तथा आय एवं धन के वितरण की असमानताओं में भी कमी आए.
पृष्ठभूमि:
समावेशी विकास सूचकांक के लिए 103 देशों की अर्थव्यवस्था को तीन पैमानों पर मापा गया था. वृद्धि और विकास, समावेश और इंटर जेनरेशनल इक्विटी. सूचकांक को दो हिस्सों में बांटा गया था. पहले हिस्से में 29 प्रगतिशील अर्थव्यवस्थाओं को रखा गया था, जबकि दूसरे हिस्से में 74 उभरती अर्थव्यवस्थाओं को जगह दी गई थी. पिछले साल 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में भारत 60 वां स्थान पर रहा था, जबकि चीन 15 वें और पाकिस्तान 52 वें स्थान पर था. उभरती अर्थव्यवस्था के नाम पर बेहद कम स्कोर होने के बावजूद तेजी से विकास करने वाले दस देशों में भारत ने अपनी जगह बनाई है.
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