जानिये क्या हैं ये एग्जिट पोल और क्यों होते हैं ये इतने महत्त्वपूर्ण!

Apr 30, 2021, 16:37 IST

एक्जिट पोल पोस्ट-वोट पोल भी कहलाते हैं, जिनके बारे में मतदाताओं द्वारा वोट डालने के बाद, अनुमान लगाया जाता है.  

What are exit polls? How are they calculated?
What are exit polls? How are they calculated?

हमारे देश के चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश - पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के लिए एग्जिट पोल कल शाम को जारी किए गये हैं.

ये एग्जिट पोल क्या हैं?

एक्जिट पोल पोस्ट-वोट पोल भी कहलाते हैं, जिनके बारे में मतदाताओं द्वारा वोट डालने के बाद, अनुमान लगाया जाता है. एक जनमत सर्वेक्षण में मतदाता से पूछा जाता है कि वे किसके लिए मतदान करने के बारे में विचार कर रहे हैं जबकि, एक्जिट पोल्स में मतदान करने के बाद ही मतदाताओं से पूछा जाता है कि, उन्होंने वास्तव में किस पार्टी या नेता के लिए मतदान किया है.

एग्जिट पोल का संचालन कौन करता है?

निजी फर्मों और मीडिया संगठनों जैसेकि, आज का चाणक्य, ABP-C वोटर, न्यूज़ 18, इंडिया टुडे -एक्सिस, टाइम्स नाउ - CNX, न्यूज़ X-नेता, रिपब्लिक - जन की बात, रिपब्लिक -C वोटर, ABP-CSDS और चिंतामणि द्वारा ये एग्जिट पोल्स करवाए जाते हैं.

इन एग्जिट पोल्स का संचालन कैसे किया जाता है?

अधिकांश एजेंसियां ​​यादृच्छिक नमूनाकरण (रैंडम सैंपलिंग) की विधि के माध्यम से एग्जिट पोल्स का संचालन करती हैं. कुछ लोग वास्तविक परिणाम की भविष्यवाणी करने के लिए व्यवस्थित नमूने का भी चयन करते हैं. ये एजेंसियां ​​विभिन्न आयु वर्ग, लिंग, जाति, धर्म और क्षेत्र के लोगों से पूछती हैं कि उन्होंने किसके लिए अपना मतदान किया है.

एग्जिट पोल्स में गणना कैसे की जाती है?

एक्जिट पोल्स करवाने वाली फर्में आमतौर पर मतदाताओं से पूछती हैं कि उन्होंने किसे वोट दिया है और उसी के आधार पर अनुमान लगाकर, वे अपने अंतिम परिणाम की भविष्यवाणी करती हैं. यह भविष्यवाणी पूरी तरह से इस तथ्य पर आधारित होती है कि, अपना वोट डालने के बाद मतदाताओं ने इन एजेंसियों को सही उत्तर दिए हैं.

एग्जिट पोल कब जारी होते हैं?

एग्जिट पोल्स को केवल अंतिम चरण के मतदान के समापन के आधे घंटे बाद प्रकाशित या प्रसारित करने की अनुमति है. भारत के चुनाव आयोग से अनुमोदन के बाद ही ये एग्जिट पोल्स जारी किए जाते हैं.

एग्जिट पोल के प्रकाशन पर प्रतिबंध क्यों है?

भारत के चुनाव आयोग ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 ए के तहत उल्लिखित अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए, लोकतंत्र की रक्षा के लिए मतदान के समापन से पहले एक्जिट पोल्स जारी करने पर रोक लगा दी है.

चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान के समापन से पहले वास्तविक परिणाम की भविष्यवाणी को प्रकाशित करना संभवतः मतदाताओं के दिमाग को प्रभावित कर सकता है.

जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 राज्य की धारा 126A क्या है?

इस खंड में यह कहा गया है कि, लोकतंत्र की रक्षा के लिए अंतिम चरण के मतदान के समापन से आधे घंटे बाद तक, कोई भी व्यक्ति किसी भी एग्जिट पोल का न तो संचालन करेगा और न ही प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशित या प्रचार करेगा.

यह खंड यह भी निर्धारित करता है कि कोई भी व्यक्ति, जो इस धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे दो साल तक कारावास की सजा या जुर्माना या दोनों एक साथ हो सकते हैं.

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