बिहार चुनाव 2020: बिहार में इस बार तीन चरणों में चुनाव होने वाले हैं. ये चुनाव 28 अक्टूबर से लेकर 7 नवंबर 2020 के बीच होंगे. वोटों की गिनती 10 नवंबर को होने वाली है. 28 अक्टूबर को पहले चरण में 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा.
दूसरे चरण का चुनाव 03 नवंबर को है. दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने वाला है. तीसरे चरण का चुनाव 07 नवंबर को होगा. तब 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग होगी.
ईवीएम क्या है?
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में चुनाव हमेशा ही एक जटल प्रक्रिया रहे हैं. इसे सरल बनाने के लिए चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का प्रयोग करता है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, जिसे ईवीएम के रूप में भी जाना जाता है. यह एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसका उपयोग वोट डालने के लिए किया जाता है. ईवीएम का लक्ष्य चुनावी प्रक्रिया को सुरक्षित, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है.
भारत में पहली बार ईवीएम का प्रयोग
भारत में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का प्रयोग साल 1982 में केरल से शुरू हुआ था. पुरानी कागजी मतपत्र प्रणाली की तुलना में ईवीएम के द्वारा वोट डालने और परिणामों की घोषणा करने में कम समय लगता है.
ईवीएम कैसे काम करता है?
ईवीएम के दो हिस्से होते हैं. इसमें से एक हिस्सा नियंत्रण के रूप में काम करता है जो मतदान अधिकारी के पास रहता है. वहीं इसका दूसरा हिस्सा मतदान ईकाई के रूप में काम करता है जिसे मतदान कक्ष के अंदर रखा जाता है. सबसे पहले मतदान अधिकारी मतदान बटन को दबाता है जिसके बाद मतदान कक्ष में उपस्थित मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी का चुनाव उसके पार्टी चिन्ह के सामने लगे नीले बटन को दबाकर करता है.
मशीन के दोनों ही भाग एक लंबे इलेक्ट्रॉनिक तार के माध्यम से जुड़े रहते हैं. ईवीएम मशीन के बटन को एक ही बार दबाया जा सकता है क्योंकि मतदान केंद्र पर उम्मीदवार के नाम के आगे के बटन को एक बार दबाने के बाद यह मशीन बंद हो जाती है. यदि कोई मतदाता दो बटन एक साथ दबाने का प्रयास करता है तो मतदान दर्ज नहीं होता है.
ईवीएम के फायदे
ईवीएम मशीनों के द्वारा मतगणना तेजी से होती है जिससे चुनाव रिजल्ट तेजी से आते हैं और मतगणना में लगे लोग अपने पैरेंट डिपार्टमेंट में जल्दी ड्यूटी ज्वाइन कर लेते हैं. मतदान होने के बाद ईवीएम मशीन की मेमोरी में स्वंय ही परिणाम स्टोर हो जाते हैं जिससे मतदान के बाद गड़बड़ी की संभावना खत्म हो जाती है. ईवीएम मशीन में केवल मतदान और मतगणना के समय में मशीनों को सक्रिय करने के लिए केवल बैटरी की आवश्यकता होती है.
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