क्या है करतारपुर कॉरिडोर, जिसे सरकार ने फिर से खोलने का फैसला किया?

Nov 17, 2021, 10:35 IST

गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है और पाकिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर है. 

What is the Kartarpur Corridor, which the government decided to reopen?
What is the Kartarpur Corridor, which the government decided to reopen?

केंद्र सरकार ने  श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर खोलने का घोषणा कर दिया. गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया कि बड़ी संख्या में सिख तीर्थयात्रियों को लाभान्वित करने वाले एक बड़े फैसले में, सरकार ने आज (17 नवंबर 2021) से करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोलने का फैसला किया है.

गृहमंत्री अमित शाह ने इसे बड़ा फैसला बताते हुए कहा कि यह गुरु नानक देव और हमारे सिख समुदाय के प्रति मोदी सरकार की अपार श्रद्धा को दिखाता है. गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व 19 नवंबर को है. पहले जत्थे में 250 श्रद्धालु पाकिस्तान जाएंगे. कोरोना महामारी की वजह से करतारपुर कॉरिडोर मार्च 2020 से बंद है.

कोरोना गाइडलाइंस का पालन जरूरी

लगभग 20 महीने बाद खुलने वाले करतारपुर कॉरिडोर के जरिये पाकिस्तान जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य होगा. उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन की दोनों डोज लगे होने का सर्टिफिकेट या 72 घंटे से कम समय की RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट देनी होगी. भारत सरकार के कॉरिडोर खोलने के घोषणा के बाद पाकिस्तान सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइंस जारी कर दीं.

अब तक की गाइडलाइंस के अनुसार करतारपुर साहिब की वीजा फ्री यात्रा के लिए भारत का कोई भी 13 से 75 साल का नागरिक या अप्रवासी भारतीय आवेदन कर सकता है. इसके लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा. पंजीकरण के बाद नोटिफिकेशन प्राप्त होगा और यात्रा के लिए 20 डॉलर यानी लगभग 1400 रुपए की फीस देनी होगी.

क्या है करतारपुर कॉरिडोर?

गुरुद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है और पाकिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा से लगभग 3-4 किलोमीटर दूर है. करतारपुर कॉरिडोर के जरिए पाकिस्तान के कस्बे करतारपुर को पंजाब के गुरुदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक के साथ जोड़ा गया है.

भारत से लगी सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रावी नदी के किनारे स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है. यह लाहौर से 120 किमी दूर स्थित है. गुरु नानक जी के माता-पिता का देहांत भी यहीं पर हुआ था. यहां बाबा नानक ने अपनी जिंदगी का अंतिम समय बिताया था. यहां उन्होंने 17 वर्ष 5 माह 9 दिन अपने हाथों से खेती तक की.

भारत में रावी नदी के किनारे श्री गुरु नानक देव जी की याद में बनाया गया डेरा बाबा नानक स्थित है. यह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से लगभग एक किलोमीटर दूर है और गुरदासपुर जिले में आता है. माना जाता है कि बाबा नानक यहां 12 साल तक रहे. मक्का जाने पर उनको दिए गए कपड़े यहां संरक्षित हैं.

करतारपुर कॉरिडोर का उद्धाटन 09 नवंबर 2019 को हुआ. भारत में पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक से अंतरराष्ट्रीय सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है. वहीं पाकिस्तानी सीमा में नारोवाल जिले में जीरो लाइन से लेकर करतारपुर गुरुद्वारे तक सड़क बनाई गई है. इसी को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा जाता है.

करतारपुर साहिब सिखों के लिए क्यों अहम है?

करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थान है. यह सिखों के पहले गुरु गुरु नानकदेव का निवास स्थान है और यहीं वह ज्योति लीन हुए. बाबा नानक ने अपनी जिंदगी के आखिरी 17-18 साल यहीं गुजारे. करतारपुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में है और यह इंटरनेशनल बॉर्डर से 4 किमी अंदर है. भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय यह स्थान सरहद के उस तरफ चला गया. कॉरिडोर बनने से पहले तक भारतीय सिख श्रद्धालु डेरा बाबा नानक में बॉर्डर के पास लगी दूरबीन के जरिये इस गुरुघर के दर्शन करते थे.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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