यहूदी एजेंसी के तत्कालीन प्रमुख डेविड बेन-गुरियन ने 14 मई, 1948 को इज़राइल की स्थापना की घोषणा की थी. उस दिन की घोषणा के तुरंत बाद यहूदियों और अरबों के बीच भयंकर युद्ध छिड़ गया था.
मिस्र द्वारा हवाई हमले और तेल अवीव में ब्लैकआउट के बीच, यहूदियों ने खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा इज़राइल राज्य की मान्यता की खबर के बाद, अपने देश के पुनर्जन्म का जश्न मनाया.
फिलिस्तीन में इजरायल की भूमि पर यहूदी दावा: पढ़ें यहां
यहूदी लोगों ने 4,000 से अधिक वर्षों से इज़राइल की भूमि पर अपना दावा किया है, जो प्रागैतिहासिक काल से पहले की अवधि है.
यहूदी लोगों का यह दावा है कि, परमेश्वर ने पितामह इब्राहिम को इजराइल की भूमि देने का वादा किया था.
इज़राइल का इतिहास: पृष्ठभूमि
ज़िओनिज़्म आंदोलन
• इजरायल दो हजार वर्षों में दुनिया का पहला यहूदी राज्य है. आधुनिक समय का इज़राइल ज़िओनिज़्म आंदोलन के दौर में अपने मूल तक वापस जाता है जब पत्रकार थियोडोर हर्ज़ल ने यहूदी राज्य की वकालत यहूदी-विरोधी भावना के समाधान के तौर पर करनी शुरू कर दी थी.
• हर्ज़ल के प्रयासों को पहली ज़िओनिस्ट कांग्रेस से उचित समर्थन नहीं मिला. हालांकि, बाद में वर्ष, 1904 में उनकी मृत्यु के बाद, ज़िओनिस्ट संगठन चैम वीज़मैन के नेतृत्व में फिलिस्तीन (रोमन्स द्वारा दिए गए नाम) में यहूदियों की आबादी बढ़ाने में सक्षम हुआ.
यहूदी मातृभूमि: संघर्ष
• बाद में वर्ष, 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, ज़िओनिस्ट्स ने ब्रिटेन को बालफोर घोषणा जारी करने के लिए राजी किया जिससे ब्रिटेन को फ़िलिस्तीन में एक 'यहूदी मातृभूमि' स्थापित करने में सुविधा हुई.
• हालांकि, स्थानीय अरबों ने इस यहूदी राज्य का विरोध किया. ओटोमन्स के पतन के साथ, अरबों ने इसे पुराने अरब साम्राज्य को पुनर्जीवित करने के अवसर के तौर पर देखा. ब्रिटिश सरकार ज़िओनिस्ट्स और अरबों को एक ही मोर्चे पर लाने में विफल रही, इस प्रकार वर्ष, 1936-39 का अरब विद्रोह शुरू हुआ.
• ब्रिटेन में तत्कालीन प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने फिलिस्तीन में यहूदियों और अरबों के बीच बढ़ती हिंसा के एवज में फिलिस्तीन पर ब्रिटिश जनादेश को समाप्त करने का फैसला किया.
इज़राइल राज्य की स्थापना
• 29 नवंबर, 1947 को संयुक्त राष्ट्र ने फिलिस्तीन को यहूदी और अरब राज्यों में विभाजित करने के लिए मतदान किया, जिसका अरबों ने फिर से विरोध किया. हालांकि, 14 मई, 1948 को इज़राइल राज्य की घोषणा ने यहूदी मातृभूमि हासिल करने के ज़िओनिस्ट्स के सपने को पूरा किया.
• यद्यपि, अरब राज्यों - जॉर्डन, लेबनान, इराक, सीरिया और मिस्र की सेनाओं ने इस घोषणा के तुरंत बाद कुछ दिनों के भीतर इज़राइल पर आक्रमण किया.
• आख़िरकार अगर बम वर्ष, 2021 तक तेजी से आगे बढ़ते हुए, इजरायल-फिलिस्तीनी शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने में विफल रहे हैं और गाजा पट्टी में इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष और तनावपूर्ण स्थिति इन दिनों भी कायम है.
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