अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद स्थिति काफी गंभीर हो गई है. पूरी विश्व में तालिबान द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न और हमले की निंदा हो रही है. इसी बीच विश्व बैंक ने भी इसे लेकर गंभीर चिंता जताई है. विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को आर्थिक सहायता रोक दी है.
विश्व बैंक अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है. इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) भी अफगानिस्तान को सहायता रोक चुका है. आईएमएफ ने 19 अगस्त को कहा था कि अफगानिस्तान अब आईएमएफ संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा. उसे किसी तरह की नई मदद भी नहीं मिलेगी.
आर्थिक सहायता पर रोक
विश्व बैंक ने अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर रोक लगा दी है. विश्व बैंक के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है. विश्व बैंक ने अफगानिस्तान के हालात, खासतौर पर महिला अधिकारों की स्थिति से चिंतित होकर यह फैसला लिया है.
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा
फिलहाल विश्व बैंक ने सभी आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है और अब स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. बता दें कि अमेरिकी सेना 31 अगस्त तक अफगानिस्तान छोड़ देगी लेकिन इससे लगभग 2 हफ्ते पहले ही अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है.
5.3 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता
विश्व बैंक के मौजूदा समय में अफगानिस्तान के अंदर दो दर्जन से ज्यादा प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं. विश्व बैंक के मुताबिक, साल 2002 से लेकर अब तक विश्व बैंक की तरफ से अफगानिस्तान को 5.3 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है.
अमेरिका ने भी रोका आर्थिक सहायता
अमेरिका ने भी बीते हफ्ते यह घोषणा किया था कि वह अपने देश में मौजूद अफगानिस्तान के सोने और मुद्राभंडार को तालिबान के कब्जे में नहीं जाने देगा. अकेले अमेरिका में ही अफगानिस्तान की लगभग 706 अरब रुपये की संपत्ति है.
IMF ने भी रोका आर्थिक सहायता
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 460 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी 46 करोड़ डॉलर (3416.43 करोड़ रुपये) के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा की थी, क्योंकि देश पर तालिबान के नियंत्रण ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए अनिश्चितता पैदा कर दी है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation