16 अक्टूबर: विश्व खाद्य दिवस
विश्वस्तर पर 16 अक्टूबर 2018 विश्व खाद्य दिवस मनाया गया. वर्ष 2018 के लिए इस दिवस का विषय ‘हमारे कार्य हमारा भविष्य हैं’ (Out actions are out future) है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भुखमरी की चुनौतियों के बारे में जनता में जागरूकता प्रसारित करने के साथ-साथ लोगों को भूख के खिलाफ़ संघर्षमय कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करना हैं.
प्रत्येक वर्ष अलग-अलग थीम के साथ मनाए जाने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्व में भुखमरी खत्म करना. वर्तमान में यह विश्व के लगभग 150 देशों में निर्धनता व भूख के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. अधिकतर पारिवारिक किसानों को फसलों के लिए पर्याप्त भंडारण, अच्छा बीजों की, परिवहन तथा अच्छी तरह क्रियाशील बाजार साथ ही वित्तपोषण की कमी से झूझना पड़ता हैं.
उद्देश्य:
विश्व खाद्य दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनिया से भुखमरी को खत्म करना है. आज भी विश्व में करोड़ों लोग भुखमरी के शिकार हैं. वर्तमान समय में यह बहुत आवश्यक हो गया है कि विश्व से भुखमरी मिटाने के लिए अत्याधुनिक तरीके से खेती की जाये. विश्व खाद्य दिवस का उद्देश्य खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए विकासशील देशों के मध्य तकनीकी एवं वित्तीय सहयोग बढ़ाना और विकसित देशों से आधुनिक तकनीकी मदद उपलब्ध कराना है.
विश्व खाद्य दिवस:
प्रत्येक वर्ष 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस अन्य बहुत सारे संगठन जो खाद्य सुरक्षा के लिए प्रयासरत हैं जिनमें विश्व खाद्य कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष आदि संगठनों द्वारा व्यापक रूप से मनाया जाता है. हंगरी के प्रतिनिधिमंडल ने आम सम्मेलन के दौरान विश्व भर में विश्व खाद्य दिवस मनाने के विचार का सुझाव दिया. तब से यह 150 से अधिक देशों में हर वर्ष यह दिवस मनाया जा रहा हैं.
विश्व खाद्य दिवस नवंबर 1945 में एफएओ के 20वें आम सम्मेलन में एफएओ के सदस्य देशों द्वारा स्थापित किया गया था. इस दिवस का उद्देश्य विश्वभर में भूख एवं कुपोषण से पीड़ित लोगों की बुरी दशा के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना और कुपोषण तथा भूखमरी की समस्या से निपटने के लिए व्यापक योजना शुरू करना. विश्व खाद्य दिवस सर्वप्रथम 16 अक्टूबर 1981 को आयोजित किया गया था. खाद्यान्न की समस्या को देखते हुए '16 अक्टूबर' को हर साल 'विश्व खाद्य दिवस' मनाने की घोषणा की गई थी.
खाद्य एवं कृषि संगठन:
यह एक संयुक्त राष्ट्र की संस्था है. यह संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामजिक परिषद् के अधीन कार्य करती है. इसकी स्थापना 16 अक्टूबर 1945 को की गयी थी. इसका मुख्यालय इटली के रोम में स्थित है. वर्तमान में इसके कुल 194 सदस्य हैं. यह संगठन बदलती तकनीक जैसे कृषि, पर्यावरण, पोषक तत्व और खाद्य सुरक्षा के बारे में जानकारी देता है.
'ग्लोबल हंगर इंडेक्स':
अभी हाल ही में 'ग्लोबल हंगर इंडेक्स' जारी किया गया था. इसमें दुनिया के कई देशों में खानपान की स्थिति का ब्योरा होता है. रैंकिंग भी जारी की जाती है. जीएचआई में भारत इस बार और नीचे गिरकर 103वें रैंक पर पहुंचा है. इस सूची में कुल 119 देश ही हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में 85 करोड़ 30 लाख लोग भुखमरी का शिकार हैं. अकेले भारत में भूखे लोगों की तादाद लगभग 20 करोड़ से ज्यादा है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार रोजाना भारतीय 244 करोड़ रुपए यानी पूरे साल में करीब 89060 करोड़ रुपये का भोजन बर्बाद कर देते हैं.
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