17 मई: विश्व हायपरटेंशन दिवस
विश्व भर में 17 मई 2016 को विश्व हायपरटेंशन दिवस मनाया गया, इस वर्ष का विषय था – अपने आंकड़े जानें.
इस विषय का उद्देश्य विश्व भर में तेजी से बढ़ रहे उच्च रक्तचाप के मामलों को जानना है. विश्व हायपरटेंशन दिवस का लक्ष्य तीन मिलियन वयस्कों तक पहुंच बनाना है.
विश्व हायपरटेंशन दिवस
• विश्व हायपरटेंशन दिवस (डब्ल्यूएचडी) एक वार्षिक आयोजन है जिसे अंतरराष्ट्रीय हायपरटेंशन सोसाइटी द्वारा आयोजित किया जाता है.
• इसका पहली बार आयोजन मई 2005 में किया गया, इसके बाद प्रत्येक वर्ष इसका आयोजन किया जा रहा है.
• इसका उद्देश्य लोगों में हायपरटेंशन के प्रति जागरूकता फैलाना एवं लोगों को इससे बचने के उपाय बताना है.
हायपरटेंशन
• हायपरटेंशन अथवा उच्च रक्तचाप लोगों में बड़े पैमाने पर फ़ैल चुकी है. इससे हृदयघात का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है.
• वर्ष 2002 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे सबसे अधिक मृत्यु का जिम्मेदार बताया था.
• उच्च रक्तचाप के मरीजों में स्ट्रोक का खतरा चार गुना अधिक होता है जबकि हृदयघात का खतरा दोगुना हो जाता है.
विश्वभर में हायपरटेंशन का प्रभाव
• एक अनुमान के अनुसार लगभग एक बिलियन लोग इससे पीड़ित हैं, वर्ष 2025 तक यह संख्या 1.5 बिलियन अधिक हो सकती है.
• 90 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप का कारण ज्ञात नहीं हो सका जिसे प्राइमरी हायपरटेंशन श्रेणी में रखा जाता है.
• भारत में तीन में प्रत्येक एक व्यक्ति इससे पीड़ित है.
• सही इलाज एवं उचित जीवनशैली द्वारा इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
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