बौद्धिक संपदा दिवस-2021 विश्व भर में 26 अप्रैल को मनाया गया. विश्व बौद्धिक संपदा संगठन द्वारा बौद्धिक संपदा दिवस मनाया जाता है. विश्व बौद्धिक संपदा दिवस नवाचार और रचनात्मका को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों (पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन, कॉपीराइट) की भूमिका के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है.
बौद्धिक संपदा संरक्षण हेतु अंतरराष्ट्रीय मानदंडों व मानकों का विकास एवं अनुप्रयोग इस संगठन की गतिविधियों का मूलभूत अंग है. इस दिन, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) इस दिन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के आयोजन हेतु अलग– अलग सरकारी एजेंसियों, गैर– सरकारी संगठनों, सामुदायिक समूहों औऱ व्यक्तियों के साथ मिलकर काम करता है.
विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के बारे में:
यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे पुरानी एजेंसियों में से एक है. गौरतलब है कि डब्ल्यूआईपीओ संयुक्त राष्ट्र के 15 विशिष्ट एजेंसियों में से एक है. इसकी स्थापना 14 जुलाई 1967 को हुई थी. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा की जानकारी के लिये विश्वसनीय वैश्विक संदर्भ स्रोत का काम करता है. भारत डब्ल्यूआईपीओ का सदस्य है और डब्ल्यूआईपीओ द्वारा प्रशासित कई संधिओं के लिए पार्टी है.
पृष्ठभूमि:
• अक्टूबर 1999 में, डब्ल्यूआईपीओ की महासभा में एक खास दिन को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस घोषि करने के विचार को मंजूरी दी थी.
• वर्ष 2000 में, डब्ल्यूआईपीओ ने 26 अप्रैल को वार्षिक विश्व बौद्धिक संपदा दिवस के तौर पर मनाने और इस दिन बतौर व्यापार/ कानूनी अवधारणा के बौद्धिक संपदा के बीच मौजूद कथित अंतर को दूर करने और लोगों के जीवन में उसके महत्व को समझाने का फैसला किया.
• 26 अप्रैल की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि वर्ष 1970 में इसी दिन विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना हुई थी.
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