प्रत्येक साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस (World Ocean Day) मनाया जाता है. यह दिवस मुख्य रूप से लोगों के महासागरों के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. महासागर हमारी पृथ्वी पर न सिर्फ जीवन का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण संतुलन में भी प्रमुख भूमिका अदा करता है.
महासागरों में गिरने वाले प्लास्टिक प्रदूषण के वजह से महासागर धीरे-धीरे अपशिष्ट होते जा रहे हैं. इससे समुद्री जीवों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. वे गलती से प्लास्टिक को अपना भोजन समझ लेते हैं जिससे उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है.
इस साल की थीम
इस दिवस पर हर साल एक नई थीम का चुनाव किया जाता है. इस साल की विश्व महासागर दिवस की थीम 'द ओशन: लाइफ एंड लाइवलीहुड' रखी गई है. लोगों में ये जागरूकता पैदा करना कि ये महासगर ही हैं जो पूरी दुनिया में प्रोटीन उपलब्ध कराने का सबसे बड़ी जरिया है.
विश्व महासागर दिवस मनाने का उद्देश्य
विश्व महासागर दिवस मनाने का प्रमुख कारण विश्व में महासागरों के महत्त्व और उनकी वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में विश्व में जागरूकता पैदा करना है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके जीवन में महासागरों के महत्व के बारे में बताना है. इसके अतिरिक्त महासागर से जुड़े पहलुओं, जैसे -खाद्य सुरक्षा, जैव-विविधता, पारिस्थितिक संतुलन, सामुद्रिक संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग, जलवायु परिवर्तन आदि पर प्रकाश डालना है.
विश्व महासागर दिवस का महत्व
दुनिया की लगभग 30 प्रतिशत आबादी तटीय इलाकों में रहती है और उनका जनजीवन पूरी तरह इसी पर निर्भर है. विशाल महासागर से पेट्रोलियम के साथ ही अनेक संसाधन भी प्राप्त होते हैं. इसके अलावा मौसम में आनेवाले बदलाव और जलवायु परिवर्तन की जानकारी प्रदान करने में भी महासागरों का अहम योगदान होता है.
विश्व महासागर दिवस का इतिहास
पहला विश्व महासागर दिवस 08 जून 2009 को मनाया गया था. यह दिवस साल 1992 में रियो डी जनेरियो में हुए ‘पृथ्वी ग्रह’ नामक फोरम में प्रतिवर्ष विश्व महासागर दिवस मनाने के फैसले के बाद और साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा इस संबंध में आधिकारिक मान्यता दिए जाने के बाद मनाया जाने लगा. यह दिन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के समक्ष महासागरों की वजह से आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर देता है.
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