पूरे विश्व में 11 जुलाई 2016 को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाया गया. इसे संयुक्त राष्ट्र के आह्वान पर, प्रति वर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता है. ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ विश्व की बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों को सजग करने के उद्देश्य से मनाया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2016 के ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ हेतु ‘किशोर लड़कियों में निवेश’(Investing in teenage girls) विषय वस्तु (थीम) निर्धारित किया है.
जनसंख्या स्थिरता कोष:
सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अधीन स्थापित जनसंख्या स्थिरता कोष (राष्ट्रीय जनसंख्या स्थिरीकरण निधि) को एक स्वायत्त सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया है. इसका लक्ष्य ऐसे क्रियाकलाप करना एवं उन्हें प्रोत्साहित करना है जिनका उद्देश्य धारणीय आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप स्तर पर वर्ष 2045 तक जनसंख्या स्थिर करना है.
जनसंख्या स्थिर कोष का सामान्य निकाय केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में कार्य करता है और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, विद्यालय शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, महिला एवं बाल विभाग, योजना आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालयों के सचिव, राज्य स्वास्थ्य सचिव जे.एस.के. के सामान्य निकाय के सदस्य हैं. इसके अतिरिक्त, इसके सामान्य निकाय में जनसाख्यिक, उद्योग और व्यापार गैर-सरकारी संगठनों, चिकित्सा और परिचिकित्सा संघों, आम, नागरिकों, संस्थाओं आदि के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं.
विदित हो कि भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और यहां स्वास्थ्य, परिवार और पोषण से संबंधित कई चुनौतियां हैं. चीन विश्व का पहला सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है.
पृष्ठभूमि:
‘विश्व जनसंख्या दिवस’ 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब होने के बाद, जनसंख्या के प्रति लोगों को सचेत करने हेतु प्रारंभ हुआ. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के संचालन परिषद ने वर्ष 1989 में अपने एक निर्णय (89/46) के माध्यम से 11 जुलाई को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ के रूप में मनाने की सिफारिश की. जिसका मुख्य उद्देश्य, वैश्विक जनसंख्या के मुद्दों को समग्र विकास योजनाओं एवं कार्यक्रमों के संदर्भ में देखना एवं उसके निराकरण का प्रयास करना है.
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