प्रसिद्ध लेखक येशे दोरजी थोंग्शी को 15 जून 2017 को भुपेन हजारिका अवार्ड के लिए चयनित किया गया.
उन्हें यह पुरस्कार सितंबर 2017 में पुणे आधारित सामाजिक संस्था सरहद द्वारा जम्मू-कश्मीर में एक समारोह के दौरान दिया जायेगा. थोंग्शी का सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास मौना ओन्थ मुखर हरिदे (मौन होठ, बडबडाता दिल) है जिसे 2005 में साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ.
येशे दोरजी थोंग्शी:
• वे अरुणाचल प्रदेश के कमेंग जिले के रहने वाले हैं.
• उन्होंने गुवाहाटी के कॉटन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की तथा गुवाहाटी यूनिवर्सिटी से ही एमए डिग्री प्राप्त की.
• हालांकि उनकी बोली शेरदुक्कन थी लेकिन उन्होंने असमी में लेखन शुरू किया.
• उनकी पहली कविता जोन्बाई (चांद) का वर्ष 1967 में असम के एक बच्चों की पत्रिका मंर प्रकाशन हुआ.
• उनका प्रसिद्ध उपन्यास है - मौना ओन्थ मुखर हरिदे.
• उन्होंने वर्ष 1977 में अरुणाचल प्रदेश सिविल सर्विस ज्वाइन की. उन्हें 1992 में पदोन्नत करके आईएएस अधिकारी बनाया गया.
• वे अरुणाचल प्रदेश साहित्यिक सभा के संस्थापक एवं निदेशक हैं.
पांचवां भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार:
पांचवां भूपेन हजारिका राष्ट्रीय पुरस्कार, 2017 अरुणाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लेखक येशे दोर्जी थोंगशी को प्रदान किया जायेगा. महाराष्ट्र आधारित संगठन सरहद द्वारा स्थापित यह पुरस्कार 2012 से उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट साहित्यिक कार्य किया हो. इस पुरस्कार में 51,000 रुपए, एक स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र शामिल हैं.
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