अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी 'विश्व आर्थिक परिदृश्य' रिपोर्ट 21 जनवरी 2014 को जारी की. आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2013-14 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया, जो कि इंडोनेशिया और फिलिपींस जैसे आसियान देशों से काफी कम है.
आईएमएफ ने अक्टूबर 2013 की अपनी रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2013-14 में 3.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. 3.8 प्रतिशत की वृद्धि-दर वैश्विक मंदी और ब्याज-दरों जैसे घरेलू कारकों के चलते अनुमानित की गई थी.
वित्तवर्ष 2014-15 और वित्त वर्ष 2015-16 में भारत की वृद्धि-दर क्रमश: 5.4 प्रतिशत और 6.4 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया.
इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, थाइलैंड और वियतनाम जैसे आसियान देशों में वर्ष 2012 में 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर रही.
अक्टूबर 2013 से अनुकूल मानसून और उच्चतर निर्यात-राजस्व प्राप्त होने से एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में वृद्धि दर की गति तीव्र हुई. निवेश को समर्थन प्रदान करने वाली सशक्त संरचनात्मक नीतियों के कारण भारत में आर्थिक वृद्धि-दर और अधिक सुदृढ़ हो सकती है.
इंडोनेशिया और फिलीपींस की आर्थिक वृद्धि-दर मजबूत उपभोग और निवेश, विविधीकृत निर्यातों और न्यून नीतिगत दरों जैसे मजबूत बुनियादी कारकों के चलते सुदृढ़ रही है.
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