सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक निर्णय में कहा है कि अदालतों को सरकार के नीतिगत फैसलों पर निर्णय देने से बचना चाहिए. न्यायमूर्ति सीके प्रसाद और वी गोपाल गौड़ा की खंडपीठ ने यह निर्णय 15 जुलाई 2013 को दिया.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि यदि कोई सरकारी नीति उचित नहीं है, तो जनता चुनाव में मतदान के जरिए उसे नामंजूर कर सकती है.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतों को नीतिगत मामलों में न्यायिक संयम बनाए रखना चाहिए और सरकारी नीतियों पर फैसला देते समय कार्यपालिका या विधायिका के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अदालतों को तभी हस्तक्षेप करना चाहिए, जब सरकारी नीतियां संवैधानिक कानूनों के अनुरूप न हों.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation