मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने अनंतिम मेगा पॉवर परियोजनाओं के लिए 2009 की वृहत बिजली नीति में संशोधन को नई दिल्ली में 2 जनवरी 2014 को मंजूरी प्रदान की.
वृहत बिजली नीति में संशोधन का उद्देश्य
• इसका उद्देश्य देश की समग्र वृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए बिजली की उपलब्धता बढ़ाना.
• इसका उद्देश्य बिजली की आपूर्ति बढ़ाकर उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुंचाना.
संशोधन इस प्रकार हैं:
इसका लाभ उत्पादन कंपनियां कुछ अनिवार्य शर्तों को पूरा करने के बाद ही उठा सकती हैं.
वृहत बिजली नीति के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए कंपनी को स्थापित क्षमता का कम से कम 65 प्रतिशत के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के जरिये समझौता करना होगा. स्थापित क्षमता का शेष 35 प्रतिशत संबंधित राज्य की नीति के अनुसार नियमित शुल्क के द्वारा होना चाहिए.
वृहत बिजली नीति के तहत 1,000 मेगावाट और उससे अधिक तथा 500 मेगावाट और उससे अधिक क्षमता की परियोजनाओं को शुल्क मुक्त उपकरण आयात की अनुमति.
कंपनियां ये लाभ अस्थायी वृहत बिजली परियोजना का स्थिति प्रमाणपत्र सौंपने के साथ 36 महीने की अवधि के लिए जमानत के रूप में किसी भी अनुसूचित बैंक से मियादी जमा की रसीद देने के बाद ही प्राप्त कर सकती हैं.
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