केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नई दिल्ली में अपराध तथा अपराधी खोज नेटवर्क और प्रणाली (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम, सीसीटीएनएस) की प्रायोगिक परियोजना 4 जनवरी 2013 को शुरू की. सीसीटीएनएस भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना का मिशन मोड प्रोजेक्ट है. इसका उद्देश्य पुलिस की क्षमता और प्रभाव शीलता को बढ़ाना है. इस परियोजना के तहत अपराधों की जांच और अपराधियों का पता लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित अत्याधुनिक ट्रैकिंग प्रणाली का राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाया जाना है.
इस परियोजना को वर्ष 2009 में मंजूरी दी गई थी. इसकी लागत 2000 करोड़ रुपये की है. इस प्रणाली के तहत 21000 से अधिक स्थानों को आपस में जोड़ा जाना है. वर्तमान में देश के 2000 पुलिस स्टेशनों और अन्य उच्च कार्यालयों (मुख्य रूप से आप्रवास चेक पोस्ट) को इस प्रणाली के तहत जोड़ा गया है.
इस नेटवर्क से अपराधों की रोकथाम तथा अपराधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी जिससे व्यवस्था में मूलभूत परिवर्तन होगा.
इस परियोजना के शुरूआत का श्रेय राज्य के पुलिस बलों और गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अधिकारी के समर्थन तथा दिशा निर्देश को है.
विदित हो कि शिकायतों के ऑनलाइन पंजीकरण, एफआईआर का पता लगाने और सेवाओं के अनुरोध जैसी महत्त्वपूर्ण नागरिक सेवाएं अप्रैल 2013 से शुरू होनी हैं.
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