अफ्रीकी शांति और सुरक्षा परिषद संघ ने 18 जून 2014 को अफ्रीकी देशों के शीर्ष निकाय में सर्वसम्मति से मिस्र की सदस्यता बहाल की. यह फैसला एयूपीएससी के 15 सदस्य देशों की मिस्र के अदीस अबाबा में हुई बैठक के बाद किया गया.
इस फैसले के बाद मिस्र पीएससी और अफ्रीकी सम्मेलन जो कि जून 2014 में इक्वेटोरियल गुएना के राजधानी मालाबो में होनी है, में हिस्सा ले सकेगा.
पृष्ठभूमि
मिस्र को 54 देशों के इस समूह से जुलाई 2013 में राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी को तत्कालीन सेना प्रमुख अब्देल फतह अल–सिसि द्वारा अपदस्थ करने के बाद निष्कासित कर दिया गया था. मिस्र के वर्तमान राष्ट्रपति अब्देल फतह अल–सिसि हैं.
इससे पहले अफ्रीकी संघ के प्रमुख नकोसाजाना दालमिनि–जुमा ने अप्रैल 2014 में कहा था कि मिस्र संक्रमणकालीन योजना के कार्यान्वयन के बाद संघ में वापसी कर सकता है. संक्रमणकालीन योजना में तीन चरण थे जिसे एक वर्ष में पूरा कर लिया जाना था. ये चरण थे–
- नए संविधान का मसौदा बनाना और उसे अंगीकार करना.
- लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिए राष्ट्रपति का चुनाव करना.
- जुलाई 2014 से पहले संसद चुनाव कराना.
जनवरी 2014 में मिस्र ने नए संविधान का मसौदा तैयार कर उसे अंगीकार कर लिया. दूसरे चरण के कार्यान्वयन के लिए एयू ने मई 2014 में मॉरिशस के भूतपूर्व प्रधानमंत्री मोहम्मद अल–अमीन वालाड अकीक की अध्यक्षता में एक दल को 25–26 मई को हुए राष्ट्रपति चुनावों की निगरानी के लिए भेजा था. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि कुछ मामलों को छोड़कर मतदान प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी थी.
तीसरा और आखिरी चरण संसद चुनाव का है जो 17 जुलाई 2014 से पहले शुरु हो जाना चाहिए.
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