अमेरिका के पूर्व ख़ुफ़िया विश्लेषक एडवर्ड स्नोडेन ने भारत सहित 20 देशों से शरण मांगी. इस मामले में विकीलीक्स की कानूनी सलाहकार साराह हैरिसन ने एडवर्ड स्नोडेन की ओर से 30 जून 2013 को आवेदन किया. इस प्रकार के पहले दो आवेदन इक्वाडोर और आइसलैंड से किए गए थे.
इस संबंध में आवेदन मास्को में शेरमेत्येवो हवाई अड्डे पर रूसी वाणिज्य दूतावास में एक अधिकारी को दिए गए. इसके साथ ही इसमें ऐसे संबंधित दस्तावेजों को भी जोड़ा गया है जिनमें एडवर्ड स्नोडेन को अमेरिका में उत्पन्न होने वाले खतरों का जिक्र किया गया है. यह आवेदन रूसी वाणिज्य दूतावास द्वारा मास्को में संबंधित देशों के दूतावासों को भेजना शुरू कर दिया गया. इस संबंध में आवेदन कई देशों को किए गए हैं जिनमें आस्ट्रिया, बोलिविया, ब्राजील, चीन, क्यूबा, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, आयरलैंड, नीदरलैंड, निकारागुआ, नार्वे, पोलैंड, स्पेन, स्विस कनफेडरेशन तथा वेनेजुएला शामिल हैं.
इसके साथ ही अमेरिकी प्रशासन ने विभिन्न देशों को चेतावनी दी है कि एडवर्ड स्नोडेन को शरण प्रदान नहीं की जाए क्योंकि वह जासूसी तथा गोपनीय दस्तावेजों को लीक करने के आरोपों में अमेरिका में वांछित है.
एडवर्ड स्नोडेन से संबंधित मुख्य तथ्य
• अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन के ख़िलाफ़ जासूसी और सरकारी संपत्ति की चोरी के आरोप हैं.
• अमेरिकी न्याय विभाग ने स्नोडेन के खिलाफ आपराधिक मुक़दमा दर्ज कराया था.
• एडवर्ड स्नोडेन के ख़िलाफ़ मुक़दमा ख़ुफ़िया निगरानी अभियान का ब्यौरा सार्वजनिक करने के आरोप में दर्ज कराया गया था.
• एडवर्ड स्नोडेन एक ख़ुफ़िया विश्लेषक हैं और मई 2013 में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) द्वारा फ़ोन कॉल्स के रिकॉर्ड और इंटरनेट डेटा की निगरानी किए जाने का ख़ुलासा करने के बाद वह हॉन्गकॉन्ग चले गए थे.
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