अमेरिका से खरीदे गए दस बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर-III की खेप का पहला विमान भारत स्थित हिंडन हवाई अड्डे पर 18 जून 2013 को उतरा. अमेरिकी वायु सेना द्वारा इसके चालक दल और ग्राउंड स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. वायु सेना ने 11 जून 2013 को कैलिफोर्निया स्थित लांग बीच पर इन विमानों को प्राप्त किया.
हिंडन हवाई अड्डे पर वायु सेना उप-प्रमुख एयर मार्शल एस सुकुमार ने इस विमान की अगवानी की. इस बोइंग विमान द्वारा यहीं स्थित रहा जाना निर्धारित है.
भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2011 में बोइंग से 10 सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों की आपूर्ति करने के संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और इस समझौते में अतिरिक्त 6 विमान जोड़ने की गुंजाइश रखी गई थी. बोइंग द्वारा दस विमानों की आपूर्ति का काम वर्ष 2015 तक पूरा कर लिया जाना है. वर्ष 2013 में चार और इस प्रकार के विमान भारतीय वायुसेना को प्राप्त होने हैं, जबकि वर्ष 2014 में पांच विमानों की आपूर्ति की जानी है.
बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर-III से संबंधित मुख्य तथ्य
• बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर-III एक हेवी लिफ्ट बहूद्देशीय विमान है.
• यह विमान 70 टन वजन के साथ 4200 किमी तक उड़ान भर सकता है.
• यह विमान 35 टन वजन के साथ 8400 किमी तक उड़ान भर सकता है.
• इस विमान की लैंडिंग केवल 3500 फीट लंबे या इससे अधिक लंबे रनवे पर ही की जा सकती है.
• यह न्यूनतम सुविधाओं वाली हवाई पट्टी पर लैंड हो सकता है और उड़ान भर सकता है.
• अंतरराष्ट्रीय शांति मिशनों को पूरा करने के लिए इनका बेहतरीन प्रयोग होता है.
• प्राकृतिक आपदा और अन्य प्रकार की आपातस्थिति से जूझने में भी इन विमानों से काफी मदद प्राप्त होती है.
• युद्ध की स्थिति में जल्दबाजी में तैयार किए जाने वाले एयरफील्ड्स से सेनाओं की रवानगी को रफ्तार देने में भी यह विमान काफी मददगार साबित होते हैं.
• इस विमान के भार वहन करने और प्रदर्शन क्षमता से भारतीय वायु सेना की संचालन शक्ति में बढ़ोत्तरी होनी है और देश की रणनीतिक पहुंच आपदा राहत और इसी तरह के अन्य अभियान में काफी बढ़ जानी है.
• बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर-III विमान का भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल होना इसके आधुनिकीकरण की दिशा में एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण कदम है.
विदित हो कि बोइंग अब तक 254 सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों की आपूर्ति विभिन्न देशों की वायुसेनाओं को कर चुकी है. इनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कतर के साथ ही संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं. इन देशों की श्रृंखला में अब भारत भी शामिल हो चुका है. अकेली अमेरिकी वायुसेना ने ही बोइंग से 222 सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों की खरीददारी की है. ब्रिटेन और 12 सदस्यीय रणनीतिक गठबंधन नाटो ने भी इन विमानों का प्रयोग किया है.
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