दिल्ली पुलिस ने लेखिका अरुंधती रॉय और हुर्रियत के नेता सैयद अली शाह गिलानी व अन्य के खिलाफ़ देशद्रोह का मामला 29 नवंबर 2010 को दर्ज किया. ज्ञातव्य हो कि 21 अक्टूबर 2010 को आयोजित आजादी – द ओनली वे के तहत हुए सेमिनार में अरुंधती रॉय, गिलानी व अन्य पर भारत विरोधी भाषण देने का आरोप लगाया गया. इसी मामले में दिल्ली की एक निचली अदालत ने दिल्ली पुलिस को इनके उपर देशद्रोह का मामला दर्ज करने का आदेश दिया.
अरुंधती रॉय, गिलानी सहित अन्य लोगों पर धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए (वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाने का लांछन), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान) और 505 (विद्रोह के इरादे से झूठे बयान, अफवाहें फैलाना या जन शांति के खिलाफ़ अपराध) के तहत मामले दर्ज किए गए. इन धाराओं/प्रावधानों को 1967 के गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम के प्रावधान 13 के साथ पढ़ा जाना है. ये प्रावधान गैर-जमानती हैं.
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर गिलानी और अरुंधती रॉय के खिलाफ़ कोई मामला दर्ज नहीं करने का निर्णय लिया था. हालांकि गृह मंत्रालय द्वारा मांगी गई कानूनी सलाह में इनके खिलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज करना सुझाया गया था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation