आंध्र प्रदेश सरकार ने बालिकाओं की रक्षा और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वर्ण कन्या (बंगारू टल्ली) नाम से कार्यक्रम 1 मई 2013 को शुरू किया. यह कार्यक्रम राज्य में औपचारिक रूप से लागू हो गया है.
स्वर्ण कन्या (बंगारू टल्ली) कार्यक्रम से संबंधित मुख्य तथ्य
• इस कार्यक्रम से गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों में जन्म लेने वाली बालिकाएं को लाभ होना है.
• इस कार्यक्रम को बालिकाओं के प्रति भेदभाव कम करने के उद्देश्य शुरू किया गया.
• इसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की लड़कियों को शिक्षा और पोषण संबंधी जरूरतों के लिए वित्तीय सहायता दी जानी है.
• यह सहायता उन्हें जन्म के बाद से ही मिलना निर्धारित है. हालांकि ऐसे प्रत्येक परिवार की केवल दो लड़कियां को ही इस योजना का लाभ प्राप्त होना है.
• माता के गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक महीने 1000 रूपए दिए जाने हैं और अगर कन्या हुई तो माता को प्रसव के समय 2500 रुपए दिए जाने हैं.
• पांच वर्ष की उम्र होने तक बालिका के परिवार को 1500 रूपए प्रत्येक वर्ष दिए जाने हैं.
• स्कूल में दाखिले के समय बालिका को 1000 रूपए दिए जाने हैं और इसके बाद पांचवीं कक्षा तक प्रत्येक वर्ष 2000 रुपए दिए जाने हैं.
• आठवीं कक्षा में पहुंचने तक यह राशि प्रति वर्ष 2500 रूपए हो जानी है और दसवीं कक्षा में पहुंचने तक उन्हें 3000 रूपए प्रति वर्ष दिए जाने हैं.
• बारहवीं तक उन्हें 3500 रूपए प्रति महीने दिए जाने निर्धारित है.
• स्नातक होने तक यह राशि 4000 रूपए प्रति वर्ष हो जानी है.
• बारहवीं के बाद शिक्षा जारी न रखने वाली बालिकाओं को उसके विवाह संबंधी खर्च के लिए 50 हजार रूपए दिए जाने हैं.
• स्नातक होने के बाद विवाह करने वाली बालिकाओं को 1 लाख रूपए दिए जाने हैं.
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