“ऑपरेशन इनहेरेंट रेसोल्व”: इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया (आईएसआईएस) के खिलाफ अमेरिका का सैन्य अभियान
“ऑपरेशन इनहेरेंट रेसोल्व” (ओआईआर) माह नवंबर 2015 के चौथे सप्ताह में 13 नवंबर 2015 को पेरिस पर आतंकी हमले के बाद खबरों की सुर्खियाँ बना. इस हमले में 130 लोग मारे गए और अनेकों घायल हुए.
ओआईआर, इराक में 22 सितंबर 2015 से प्रभावी इस्लामिक स्टेट इराक और सीरिया (आईएसआईएस) की आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए अमेरिका के सैन्य अभियान का नाम है. “ऑपरेशन इनहेरेंट रेसोल्व” का रणनीतियुक्त संचालन संयुक्त टास्क बल की तृतीय वाहिनी (सीजेटीआर- ओआईआर) द्वारा किया जाएगा.
आईएसआईएस विरोधी गठबंधन में 65 सदस्य देश शामिल है.
“ऑपरेशन इनहेरेंट रेसोल्व”: पर मतभिन्नता
फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रैंकोइस ओलांद आईएसआईएस के खिलाफ 65 देशों के गठबंधन में रूस को मुख्या भूमिका में लाना चाहते हैं. पेरिस हमले के बाद उन्होंने 65 देशों के इस गठबंधन में रूस को शामिल करने की पहल की. रूस और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की राय में वे आतंकवाद के खिलाफ हमले की अगुआई करेंगे.
इस प्रयोजन के लिए ओलांद वाशिंगटन में बराक ओबामा से मुलाकात करेंगे और उसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मास्को रवाना होंगे.
आईएसआईएस की गतिविधियों पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए कि दोनों देश रूस और अमेरिका के दृष्टिकोण और ओलांद के प्रयासों में मतभिन्नता है, हालाँकि आईएसआईएस से निपटने के लिए सभी राष्ट्रों का उद्देश्य एक ही है. जो इस प्रकार है-
1. आईएसआईएस को नष्ट करना
2. सीरिया और उसके आसपास के स्थिरता स्थापित करना
3. सीरिया की राजनीतिक प्रक्रिया को त्यागकर नई प्रक्रिया शुरू करना
दोनों देशों के अपने दृष्टिकोण में मतभेद है. एक तरफ रूस प्रस्तुत क्रम में इन उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता है तो दूसरी ओर अमेरिका एक साथ उद्देश्य को प्राप्त करना चाहता हैं जबकि दोनों ही उद्देश्य एक-दूसरे के पूरक हैं.
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