राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012-13 के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय पुरस्कार कर्नाटक के मंगलौर विश्वविद्यालय को प्रदान किया. यह पुरस्कार राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में 19 नवंबर 2013 को दिया गया. इसके साथ ही “एनएसएस बेस्ट प्लस 2 परिषद पुरस्कार” (NSS Best Plus 2 Council Award) निदेशालय हायर सेकेंडरी एजुकेशन, तिरुवनंतपुरम, केरल को और “आनेवाले विश्वविद्यालय पुरस्कार” (Upcoming University Award)’ कुमायूं विश्वविद्यालय नैनीताल, उत्तराखंड (Kumaun University, Nainital, Uttarakhand) को दिया गया. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय पुरस्कार के तहत विजेता को एक स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं दो लाख रुपये का नकद प्रदान किया जाता है.
इंदिरा गांधी सेवा योजना पुरस्कार
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय सेवा योजना (आईजीएनएसएस) पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1993-94 में राष्ट्रीय सेवा योजना की 25वीं सालगिरह के दौरान की गई. यह पुरस्कार पहले–(i) उत्कृष्ट विश्वविद्यालय (कार्यक्रम समन्वयक) (ii) छह उत्कृष्ट कार्यक्रम अधिकारी और छह इकाईयों (iii) 16 उत्कृष्ट एनएसएस स्वयंसेवियों को प्रदान किया गया जाता था. वर्ष 2010 से पुरस्कारों की संख्या और पुरस्कार राशि में वृद्धि की गई है जो निम्नलिखित हैं.
वर्ग | पुरस्कारों की संख्या | प्रत्येक पुरस्कारों की राशि |
विश्वविद्यालय +2परिषद (राज्य स्तर) | 1 | 2,00,000/- रुपये |
आने वाले विश्वविद्यालय | 1 | 1,00,000/- रुपये |
कार्यक्रम अधिकारी | 10 | 20,000/- रुपये |
एनएसएस इकाई | 10 | 70,000/- रुपये |
एनएसएस स्वयंसेवी | 30 | 15,000/- रुपये |
राष्ट्रीय सेवा योजना
राष्ट्रीय सेवा योजना की शुरूआत 24 सितम्बर, 1969 को महात्मा गांधी के जन्मशती समारोह के अवसर पर की गई थी.राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) केन्द्रीय युवा मामलें एवं खेल मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका उद्देश्य युवाओं में एक अच्छे नागरिक की गुण और स्वयं सेवा भाव विकसित करना है साथ ही उन्हें ग्रामीण और झुग्गी-झोंपडि़यों में रहने वाले लोगों के साथ काम करने का अवसर प्रदान करना है.
इस योजना के उद्देश्यों की प्राप्ति के दो प्रमुख दृष्टिकोण हैं, पहला “कैम्पस से समुदाय’’ तक और दूसरा “महाविद्यालय से गांव’’ तक. इस योजना का क्रियान्वयन राज्य सरकारों के द्वारा किया जाता है और इसका संचालन विश्व विद्यालय/विद्यालय और उच्च्माध्यमिक शिक्षा स्तर पर होता है.
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