Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba died at the Sathya Sai super speciality hospital at Puttaparthi in Andhra Pradesh's Anantapur district on 24 April 2011. साईं सेंट्रल ट्रस्ट के मालिक और आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा (Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba) का आंध्र प्रदेश के अनन्तपुर जिले के पुट्टापर्थी में 24 अप्रैल 2011 को निधन हो गया.
विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरू श्री सत्य साईं बाबा (Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba) का निधन साईं सेंट्रल ट्रस्ट के द्वारा चलाये जा रहे श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साईसेंज में 24 अप्रैल 2011 को सुबह सात बजकर चालीस मिनट पर हुआ. श्री सत्य साईं बाबा के पार्थिव शरीर को भक्तगणों के दर्शन हेतु प्रशांति निलयम आश्रम लाया गया. 27 अप्रैल 2011 श्री सत्य साईं बाबा का अंतिम संस्कार किया जाना है. श्री सत्य साईं बाबा का अंतिम संस्कार प्रशान्ति निलयम (prashanti nilayam) के साईं कुलवंत हॉल में दफना कर किया जाना है. भारत में आध्यात्मिक गुरुओं के अंतिम संस्कार के लिए दफनाने की पद्धति अपनाई जाती है. श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) को इसी अस्पताल में 28 मार्च 2011 को सांस लेने में तकलीफ और दिल संबंधित बीमारी के इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.
आंध्रप्रदेश सरकार ने श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) के निधन पर 24 से 27 अप्रैल 2011 तक राजकीय शोक की घोषणा की और अनन्तपुर जिले में 27 अप्रैल 2011 को छुट्टी का भी निर्देश दिया. राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटील, उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, केंद्रीय मंत्रियों, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों ने सत्य साईं बाबा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए मानवता के प्रति उनकी सेवाओं का स्मरण किया.
आध्यात्मिक गुरू श्री सत्य साईं बाबा (Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba) का जन्म 23 नवम्बर 1926 को आंध्र प्रदेश के अनन्तपुर जिले के पुट्टपर्थी में सत्यनारायण राजू के रूप में हुआ था. वर्ष 1940 में उन्होंने स्वयं को शिरडी के साईं बाबा का अवतार घोषित कर दिया था. आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा (Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba) ने वर्ष 1948 में पुट्टापर्थी में प्रशांति निलायम (सर्वोच्च शांति का निवास स्थान) की स्थापना की थी. वर्ष 1972 में श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) ने साईं सेंट्रल ट्रस्ट की स्थापना की. वर्ष 2001 में उन्होंने शांति तथा सौहार्द का संदेश देने के लिए रेडियो साईं ग्लोबल हार्मोनी नाम से डिजिटल रेडियो नेटवर्क शुरू किया था.
शिक्षण संस्थान, अस्पताल और पेयजल योजनाओं समेत श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) के नाम पर चल रही परमार्थ गतिविधियों का संचालन कर रहे साईं सेंट्रल ट्रस्ट की अनुमानित संपत्ति 40 हजार करोड़ से अधिक की बताई जाती है जो देश विदेश तक फैली है. 114 देशों में सत्य साईं के आध्यात्मिक केंद्र और 178 से ज्यादा देशों में श्री साईं बाबा के अनुमानतः करोड़ों अनुयायी हैं.
साईं सेंट्रल ट्रस्ट केवल चेक या बैंक भुगतान से दिया जाने वाला दान स्वीकारता है. साईं सेंट्रल ट्रस्ट के कामकाज का संचालन छह न्यासी और चार सदस्यों वाली प्रबंध परिषद करती है. मार्च 2010 में पुनर्गठित इसके न्यासियों में श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) के अलावा भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति पीएन भगवती, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त एसवी गिरी समेत छह लोग हैं. श्री साईं बाबा के भतीजे आरजे रत्नाकर भी ट्रस्ट में हैं.
आध्यात्मिक गुरू श्री सत्य साईं बाबा (Spiritual leader Sri Sathya Sai Baba) का नाम विवादों से भी जुड़ा रहा है. वर्ष 1993 में उनके कमरे में चार घुसपैठियों की पुलिस द्वारा हत्या, किशोरों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप, वर्ष 2004 में बीबीसी द्वारा सीक्रेट स्वामी नामक वृत्तचित्र में श्री साईं बाबा (Sri Sathya Sai Baba) पर व्यभिचार एवं मुख मैथुन का आरोप लगाया गया था.
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