रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल ने 22 दिसम्बर 2015 को अपने वायरलेस बिजनेस का विलय करने की घोषणा की. दोनों कम्पनियाँ इस विलय को 90 दिन के अन्दर अंजाम देंगी. यह सौदा 35,000 करोड़ रुपये की इकाई के रूप में सामने आएगा.
- विलय के बाद टेलीकॉम मार्केट में वायरलेस सेवा प्रदाता आइडिया सेलुलर के बाद यह चौथी बड़ी कंपनी होगी.
- समझौते के बाद इकाई की आमदनी करीब 25,000 करोड़ रुपये सालाना और एबिट्डा यानी इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रीसिएशन और एमॉर्टाइजेशन से पहले मुनाफा 6,000-7,000 करोड़ रुपये का होगा.
- विलय के बाद दोनों कम्पनियाँ इकाई बोर्ड में सामान प्रतिनिधित्व और एकसमान होल्डिंग्स के मसौदे पर बातचीत कर रहे हैं.
- एयरसेल की प्रमोटर्स कंपनी मलेशिया की मैक्सिस कम्युनिकेशंस और सिंड्या सिक्योरिटीज एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट हैं.
- वायरलेस की तीसरी कम्पनी बनने के बाद आरकॉम, सिस्टेमा और एयरसेल की प्रासंगिक संपत्तियों को ट्रांसफर किया जाएगा.
- इस कंपनी के साथ करीब 15 करोड़ डॉलर के सब्सक्राइबर कॉन्ट्रैक्ट्स, विभिन्न बैंड्स में स्पेक्ट्रम होल्डिंग्स और इसके साथ जुड़ा कर्ज होगा.
- नयी इकाई के पास कंबाइंड स्पेक्ट्रम का करीब 19 पर्सेंट हिस्सा रहेगा.
- आरकॉम और सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज लिमिटेड ने नवंबर में ऑल-स्टॉक डील में भी मर्जर का ऐलान किया था.
- विलय का मकसद 'देश में कंसॉलिडेशन और ऑपरेशनल और कैपेक्स संबंधी तालमेल से फायदा लेना और रेवेन्यू बढ़ाना है.'
रिलायंस कम्युनिकेशंस के बारे में-
- रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड स्वर्गीय श्री धीरूभाई एच अंबानी द्वारा (1932-2002) स्थापित की गयी.
- रिलायंस समूह के पास वर्तमान में रुपये 91,500 करोड़ रुपये (15.3 बिलियन डॉलर) से अधिक मूल्य की संपत्ति है.
- रुपये 10,200 करोड़ रुपये (1.7 डॉलर) नकदी प्रवाह है और 4700 करोड़ रुपये (0.80 डॉलर) का शुद्ध लाभ है.
- कंपनी के 118 मिलियन से अधिक ग्राहक है.
- कंपनी की संचार श्रृंखला 21,000 शहरों और कस्बों और 400,000 से अधिक गांवों में है.
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