केंद्र सरकार ने आरक्षित रिक्त स्थानों को भरने में कमी रहने के कारणों का गंभीरता से विश्लेषण करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय 21 अगस्त 2013 को किया. समिति द्वारा आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को नौकरी पर लगाने के अवसर बढ़ाने के उपाए सुझाए जाने हैं.
समिति से संबंधित मुख्य तथ्य
• इस समिति का नेतृत्व सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव द्वारा किया जाना है.
• इस समिति में 20 सदस्य होने हैं.
• केंद्र सरकार के जिन मंत्रालयों से ये सदस्य लिए गए हैं उनमें गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय, संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, रेल भर्ती बोर्ड आदि शामिल है.
• समिति द्वारा अपने गठन की तिथि से 3 महीने की अवधि में रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है.
विदित हो कि सरकार ने अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षित रिक्त स्थानों को भरने हेतु नवम्बर 2008 में विशेष भर्ती अभियान चलाया था. इस अभियान की प्रगति की समीक्षा जुलाई 2011 में की गई और एक नया अभियान चलाने का निर्णय लिया गया, ताकि चिह्नित बकाया रिक्त स्थानों को भरने का काम 31 मार्च 2012 तक पूरा कर लिया जाए. सरकार द्वारा विशेष भर्ती अभियान की प्रगति की समीक्षा मई 2013 में की गई और यह पता चला कि सीधी भर्ती और पदोन्नति के कोटे के कुल 64175 बकाया रिक्त स्थानों में से 48034 रिक्त स्थान भरे गए. इससे अभियान की कुल मिलाकर लगभग 75 प्रतिशत सफलता का पता चला.
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