भारतीय रिजर्व बैंक ने चिटफंड कंपनियों के फर्जीवाड़े को देखते हुए इनमें निवेश पर नियंत्रण के लिए एक अलग समन्वय और सूचना साझेदारी मंच स्थापित करने का निर्णय किया. रिजर्व बैंक ने मुंबई में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की बैठक में इस बात पर जोर दिया कि ऐसी स्कीमों के बारे में देशव्यापी जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने पश्चिम बंगाल में बहुचर्चित शारदा चिटफंड स्कीम सहित हाल के समय में हुए घोटालों को देखते हुए ये कदम उठाया. शारदा चिटफंड में निवेशकों के कई हजार करोड़ रूपए डूब गए.
चिट फंड (Chit Fund)
घरेलू स्तर का निवेश संघ जिनके माध्यम से आम तथा छोटे-छोट निवेशक एक समूह बनाकर निवेश करते हैं जिनमें से कई के तो बैंक खाते तक नहीं होते. हमारे देश में अभी तक इस तरह की स्कीमों के लिए चिट फंड अधिनियम 1982 रहा है. चिट फंड योजनाओं का व्यवस्थापन सगठित वित्तीय संस्थाओं या असंगठित समूहों या किसी व्यक्ति, मित्र आदि द्वारा चलाया जा सकता है. केरल राज्य में चिट फंड स्कीमों को ‘चिट्टी’ नाम से संबोधित किया जाता है. केरल सरकार की एक कंपनी ‘केरल स्टेट फाइनेंसियल एंटरप्राइजेज’ का मुख्य कारोबार ‘चिट्टी’ है.
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