भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 3 दिसंबर 2015 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए प्राथमिक क्षेत्र (पीएसएल) के संशोधित ऋण मानदंडों की घोषणा कर दी.
अन्य बातों के अलावा, पीएसएल लक्ष्य को कुल बकाया के मौजूदा 60 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया गया. संशोधित लक्ष्य 1 जनवरी 2016 से प्रभावी होगा.
वित्तीय समावेशन एजेंडा की तलाश में आरआरबी के बढ़ते महत्व पर गौर करते हुए पीएसएल मानदंडों में संशोधन किया गया है.
मार्च 2015 तक देश में 20059 शाखाओं के नेटवर्क के साथ कुल 56 आरआरबी काम कर रहे थे. ये 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के 644 अधिसूचित जिलों को कवर कर रहे थे.
संशोधित पीएसएल मानदंडों की मुख्य विशेषताएं
• मध्यम उद्योग, सामाजिक संरचना और अक्षय ऊर्जा को पीएसएल श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है.
• कृषि ऋणः पीएसएल उद्देश्य के लिए व्यक्तिगत किसानों को ऋण गिरवी/ कृषि उत्पाद को रेहन रखने ( गोदामों के रसीदों समेत) पर मौजूदा 10 लाख रुपयों को बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया गया. यह ऋण 12 माह से अधिक की अवधि के लिए नहीं दिया जाएगा. कॉरपोरेट किसानों, किसान उत्पादन संगठनों/ व्यक्तिगत किसानों की कंपनियां, किसान भागीदारी कंपनियां/ कृषि और संबद्ध गतिविधियों में संलग्न सहकारी समितियों को प्रति उधारकर्ता कुल ऋण की सीमा को दुगुना कर 2 करोड़ रुपये कर दिया गया है.
• आवास ऋणः आरबीआई ने पीएसएल के योग्य ऋण की मात्रा को कम कर दिया है. संशोधित दिशानिर्देशों के अनुसार 25 लाख रुपयों की पूर्व सीमा को कम कर सिर्फ 20 लाख रुपये तक के व्यक्तिगत ऋण को पीएसएल माना जाएगा. बैंक के कर्मचारियों को दिए जाने वाले आवास ऋण को इस सीमा से बाहर रखा गया है.
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