पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) की विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (ईएसी) ने 8 अक्टूबर 2015 को 25 प्रतिशत उच्च राख वाले कोयले का आयात करने की मंजूरी दी. इससे भारतीय थर्मल पॉवर स्टेशनों में बेहतर क्वालिटी का कोयला प्रयोग किया जा सकेगा.
मंत्रालय ने यह भी घोषणा की कि पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) भी जारी किये जायेंगे. 
इससे पहले एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूसर्स (एपीपी) ने कहा था कि मंत्रालय के फरवरी 2013 के आदेश के अनुसार 12 प्रतिशत तक के राख वाले कोयले का उपयोग किये जाने पर कोयला संयंत्र संचालक इंडोनशियन कोयला उपयोग करने पर मजबूर हो गये हैं.
इस प्रतिबन्ध के कारण इंडोनेशिया से आयात किये जाने वाले कोयले के थोक आयात में 12 प्रतिशत से कम राख की मात्रा तथा 30-40 प्रतिशत नमी अधिक होती है. इसके अतिरिक्त, ऑस्ट्रेलिया, रूस, यूएसए एवं कोलंबिया से आयात किये जाने वाले कोयले में 25 प्रतिशत राख एवं 15 प्रतिशत नमी होती है.
इसीलिए एपीपी ने यह सुझाव दिया है कि उच्च क्वालिटी, कम नमी का ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका एवं रूस से आयातित कोयला बेहतर परिणामों के लिए प्रयोग किया जा सकता है.
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