उत्तर प्रदेश सरकार ने 5 जून 2013 को निमेष आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी. जस्टिस आर. डी. निमेष आयोग ने अपनी रिपोर्ट 31 अगस्त 2012 को सरकार को सौंप दी थी.
निमेष आयोग का गठन 14 मार्च 2008 को मायावती सरकार के कार्यकाल में 2007 में लखनऊ, फैजाबाद तथा वाराणसी जिला न्यायालयों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में आरोपी जौनपुर निवासी मदरसा शिक्षक खालिद मुजाहिद एवं हकीम तारिक कासमी की स्थितियों की जांच की लिए किया गया था. दोनो को एसटीएफ ने हूजी का आतंकवादी करार देते हुए गिरफ्तार किया था.
निमेष आयोग की 237 पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि विस्फोट के दोनो आरोपियों की स्थितियां संदेहास्पद हैं और उनकी गिरफ्तारी के तथ्यों से मेल नहीं खातीं.
निमेष आयोग की रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट द्वारा मंजूर किये जाने के पश्चात इसे राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में पेश किया जाएगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation