उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 3 मई 2014 को राज्य के प्रत्येक जिले में महिला हेल्पलाइन की स्थापना का आदेश दिया. निर्देश के अनुसार प्रत्येक जिले की हेल्पलाइन जिले के एसएसपी और एसपी की निगरानी में होगी.
निर्देश के अनुसार किसी भी पीड़ित या उसके परिवार द्वारा महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराने पर त्वरित और तत्काल कारवाई की जायेगी. इसके अलावा राज्य सरकार ने यह भी कहा कि बलात्कार के मामलों को शीघ्र न्याय देने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों में भेजा जाएगा.
अपने आदेश में मुख्यमंत्री ने जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया कि उन पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू हो जो बलात्कार पीड़िता या उसके परिवार को धमकी देते है. अपराध पर कारवाई के मामले में असफल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
सरकार की हेल्पलाइन और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए निर्देशों के पीछे कारण
उत्तर प्रदेश सरकार ने बदायूं जिले में हुए दो नाबालिग बहनों का सामूहिक बलात्कार और हत्या का राष्ट्रीय मुद्दा बनने पर राज्य के प्रत्येक जिले में महिला हेल्पलाईन स्थापित करने का निर्णय लिया.
संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इस घटना की निंदा की और भारत भर में महिलाओं और लड़कियों के अपराधियों और हिंसा के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की. संयुक्त राष्ट्र संघ प्रमुख बान की मून ने भारत और पाकिस्तान में महिलाओं के प्रति हिंसा की हाल की घटनाओं को भयावह करार दिया.

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