उत्तराखंड के दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की कमी को दूर करने हेतु राज्य सरकार ने पालकी योजना शुरू करने का फैसला किया. इस योजना के तहत दूरदराज के गांवों से लाचार मरीजों को सड़क मार्ग तक पालकी के सहारे लाया जाना है, जहां स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस को उपलब्ध रहना है. पालकी योजना केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना का हिस्सा होगी, इसलिए उत्तराखंड सरकार ने इस योजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को फरवरी 2011 के प्रथम सप्ताह में भेजा है.
पालकी योजना के संचालन में उत्तराखंड ग्राम्य स्वास्थ्य स्वच्छता समिति को मरीज और एंबुलेंस के मध्य सेतु की भूमिका निभानी है. योजना के तहत सड़क मार्ग से अभी तक नहीं जुड़ सके उत्तराखंड के करीब 3000 गांवों में एक-एक पालकी दिए जाने का प्रस्ताव है. पालकी का डिजायन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजायन, दिल्ली ने किया है.
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