उर्दू के प्रोत्साहन व अल्पसंख्यको में अंग्रेजी ज्ञान के उन्नयन पर गठित समिति ने रिपोर्ट पेश की

Dec 20, 2013, 15:58 IST

उर्दू भाषा के प्रोत्साहन एवं अंग्रेजी के ज्ञान द्वारा अल्पसंख्यको के योग्यता उन्नयन पर गठित उप समिति ने अपनी सिफारिशें 19  दिसंबर 2013 को सौंप दीं.

उर्दू भाषा के प्रोत्साहन एवं अंग्रेजी के ज्ञान द्वारा अल्पसंख्यको के योग्यता उन्नयन पर गठित उप समिति ने अपनी सिफारिशें 19  दिसंबर 2013  को मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. पल्‍लम राजू को सौंप दीं.

उप समिति का गठन

इस उप समिति का गठन मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. पल्‍लम राजू द्वारा वर्ष 2012 अप्रैल में उर्दू भाषा के प्रोत्साहन एवं अंग्रेजी भाषा के ज्ञान द्वारा अल्‍पसंख्‍यकों के योग्‍यता उन्‍नयन के लिए किया गया था.

इस उप समिति के अध्‍यक्ष के रूप में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय इस्लामिक विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अख्‍तर उल वासे को नियुक्त किया गया था.

उर्दू भाषा के प्रोत्साहन एवं अल्पसंख्यको के अंग्रेजी ज्ञान के योग्यता उन्नयन पर गठित उप समिति  मुख्य सिफारिशें:-

•    उप‍समिति ने उर्दू के प्रोत्‍साहन संबंधी कार्यक्रमों के कार्यान्‍वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी समिति के गठन की सिफारिश की है. यह सिफारिश उपसमिति के सुझावों और उन सुझावों पर आधारित प्रस्‍तावों को मद्देनज़र रखते हुए की गई है. प्रस्‍तावित निगरानी समिति में उर्दू माध्‍यम के स्‍कूलों के प्रिंसपलों, दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय, मौलाना आजाद राष्‍ट्रीय उर्दू विश्‍वविद्यालय, जामिया मल्लिया इस्‍लामिया, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय एवं अन्‍य संस्‍थानों के उर्दू अध्‍यापकों तथा प्रसिद्ध उर्दू विद्वानों को रखे जाने का प्रस्‍ताव है.

•    उर्दू अध्‍यापकों को प्रशिक्षण देने की जिम्‍मेदारी वहन करने वाले संस्‍‍थानों का डाटाबेस विकसित किया जाए.

•    केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन द्वारा संचालित देश के किसी भी स्‍कूल में उर्दू शिक्षा नहीं दी जाती क्‍योंकि शर्त के अनुसार उर्दू पढ़ने वाले छात्रों की संख्‍या कम से कम 15 होनी चाहिए. इस संख्‍या को केन्‍द्रीय विद्यालय संगठन संहिता की धारा 122 में संशोधन करके कम से कम 5 या 6 की जानी चाहिए, जैसा उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली में है.

•    उर्दू भाषा को जवाहर नवोदय विद्यालयों और कस्‍तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में विषय के रूप में लागू किया जाए.

•    सरकारी कॉलेजों में प्रवेश के लिए उर्दू माध्‍यम के स्‍कूलों को 5 प्रतिशत की छूट और कोटा प्रदान किया जाए.

•    जिन छात्रों को उर्दू माध्‍यम से पढ़ाने के बजाय उर्दू को विषय के रूप में पढ़ाने की योग्‍यता है, उन्‍हें भी उचित प्रशिक्षण दिया जाए, जिसमें मदरसे में पढ़े हुए छात्रों को शामिल किया जाएगा. मदरसे से पढ़े छात्रों के लिए भी अध्‍यापक-प्रशिक्षण डिप्‍लोमा शुरू किया जाए, साथ ही मदरसा अध्‍यापक शिक्षा (एमटीई) को आरंभिक अध्‍यापक शिक्षा डिप्‍लोमा (ईटीई) के बराबर का दर्जा दिया जाए.

•    उत्‍तर प्रदेश और कई अन्‍य राज्‍यों में उर्दू माध्‍यम के स्‍कूल नहीं खोले जा सकते क्‍योंकि इन राज्‍यों में ऐसे कानूनी प्रावधान हैं, जिनके तहत सरकारी भाषा को शिक्षण और परीक्षा का माध्‍यम बनाना अनिवार्य है. इसलिए सरकार को ऐसे नियम बनाने चाहिए ताकि उत्‍तर प्रदेश और अन्‍य राज्‍य सरकारों को उर्दू माध्‍यम के शैक्षिक संस्‍थान खोलने और उर्दू भाषा में परीक्षा का आयोजन करने की अनुमति मिल जाए.

•    त्रिभाषा सूत्र के कार्यान्‍वयन में पारदर्शिता होनी चाहिए. उर्दू व्‍यावहारिक रूप से आधुनिक भारतीय भाषाओं के वर्ग से बाहर हो गई है,  जिसके कारण जो छात्र उर्दू पढ़ना चाहते हैं, उन्‍हें इसका अवसर नहीं मिलता और वे उर्दू के स्‍थान पर कोई अन्‍य भाषा पढ़ने के लिए विवश हैं.

•    मौलाना आजाद राष्‍ट्रीय उर्दू विश्‍वविद्यालय और राष्‍ट्रीय उर्दू भाषा प्रोत्‍साहन परिषद जैसे संस्‍थान जो उर्दू की शिक्षा, अध्‍यापन, प्रोत्‍साहन और प्रचार में संलग्‍न हैं,  उनके यहां प्रशासनिक और अर्ध-अकादमिक स्‍टाफ के लिए उर्दू का ज्ञान अनिवार्य किया जाए.

•    कुछ वर्गों, विशेषतौर से महिलाओं, जो शिक्षा के लिए नियमित रूप से स्‍कूलों में नहीं जा सकते उनको उर्दू पढ़ाने के लिए दूरस्‍थ शिक्षा प्रणाली बहुत कारगर हो सकती है. अलीगढ़ स्थित संस्‍थान जामिया उर्दू पिछले 75 सालों से इस क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण काम कर रहा है. इस संस्‍थान को मानित विश्‍वविद्यालय का दर्जा दिया जाना चाहिए.

•    इस समय इस बात की बहुत आवश्यकता है कि समाज के वंचित वर्गों, खासतौर से देश के उर्दू बोलने वाले अल्‍पसंख्‍यक वर्ग को अंग्रेजी भाषा का कौशल प्रदान किया जाए. अंग्रेजी भाषा की कारगर जानकारी के आधार पर समावेशी समाज की स्‍थापना में बहुत मदद मिलेगी और साक्षरता तथा जागरूकता बढ़ेगी. अंग्रेजी भाषा पाठ्यक्रमों के अकादमिक और प्रशासनिक पक्षों की देखभाल करने के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाए. अंग्रेजी भाषा पाठ्यक्रमों के अकादमिक और प्रशासनिक पक्षों की देखभाल करने के लिए एक निगरानी समिति बनाई जाए.

•    इस उद्देश्‍य को प्राप्‍त करने के लिए राष्‍ट्रीय उर्दू भाषा प्रोत्साहन परिषद शानदार काम कर रही है. इसके कार्यक्रमों में निम्‍मलिखित गतिविधियां शामिल की जानी चाहिए. अनुवाद पाठ्यक्रमों को लागू करना, देश के विभिन्‍न भागों खासतौर से जिन जिलों और ब्‍लॉकों में उर्दू बोलने वाली आबादी अधिक है, वहां सीएबीए-एमडीटीपी और उर्दू केन्‍द्रों की संख्‍या बढ़ानी चाहिए.  प्रशिक्षित उर्दू अध्‍यापकों का एक राष्‍ट्रीय रजिस्‍टर बनाया जाए. उर्दू में डिजिटल मीडिया के उपयोग को प्रोत्‍साहन दिया जाए. उर्दू सॉफ्टवेयरों का विकास किया जाए.

•    राष्‍ट्रीय उर्दू भाषा प्रोत्‍साहन परिषद बजट के प्रावधान को 100 करोड़ रुपये किये जाने की आवश्‍यकता है. प्रकाशनों के रख-रखाव के लिए अतिरिक्‍त आधारभूत ढांचा प्रदान किया जाए.

•    बी. एड या टीटीई प्रशिक्षित उर्दू अध्‍यापकों की न्‍यूनतम योग्‍यता के नियमों को मदरसा से पढ़े छात्रों के हित में संशोधित किया जाना चाहिए, ताकि उन लोगों को भी उर्दू अध्‍यापकों के तौर पर प्रशिक्षण की सुविधा मिल सके. उल्‍लेखनीय है कि मदरसा से पढ़े हुए छात्रों को प्राप्‍त होने वाला योग्‍यता प्रमाणपत्र दसवीं और बारहवीं कक्षाओं के प्रमाणपत्रों के बराबर का ही है.

•    उर्दू टीवी न्‍यूज चैनलों और रेडियो में समायोजन के लिए उर्दू पत्रकारों को तैयार करने का जो पाठ्यक्रम विश्‍वविद्यालय और कॉलेज प्रदान कर रहे हैं, उन्‍हें अलग से अनुदान दिया जाना चाहिए, ताकि उदीयमान उर्दू पत्रकारों को आवश्‍यक उपकरण प्राप्‍त हो सकें और उनका बेहतर प्रशिक्षण हो सके.

Rishi is a content industry professional with 12+ years of experience on different beats including education, business, finance, health and technology in digital digital and print mediums. A UGC NET qualified postgraduate in Journalism and Mass Communication, Rishi, writes and manages content related to Govt Job Notifications and Trending News in real time environment. He can be reached at rishi.sonwal@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News