विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने अमेरिका की मायलान इंक के 5168 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्ताव को 27 अगस्त 2013 को मंजूर दी. इस निवेश के जरिए मायलान इंक द्वारा स्ट्राइड्स अर्कोलैब की एक सहायक शाखा एजिला स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण किया जाना है.
मायलान इंक का निवेश प्रस्ताव 1200 करोड़ रुपये से अधिक है, इसी कारण इसे अंतिम मंजूरी हेतु आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी के पास भेजा जाना है.
मायलान इंक और एजिला स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड सौदा
• एक शेयर खरीद करार के मुताबिक मायलान इंक द्वारा एजिला स्पेशलिटीज प्राइवेट लिमिटेड के सभी जारी किए गए और बकाया शेयर खरीद लिए जाने हैं.
• मायलान की एक सहायक शाखा द्वारा यह अधिग्रहण किया जाना है. एजिला स्पेशलिटीज उच्च गुणवत्ता वाले जेनरिक इंजेक्टेबल प्रोडक्ट्स का विकास और उत्पादन करती है.
इसके साथ ही फार्मा क्षेत्र के उन सभी लंबित एफडीआई मामलों को मंजूरी दी गई, जो ब्राउनफील्डपरियोजनाओं से जुड़े हुए थे. इनमें सिंबायोटेक फार्मालैब का 330 करोड़ रुपये का एफडीआई प्रस्ताव और लोटस सर्जिकल स्पेशलिटीज का प्रस्ताव शामिल है.
विदित हो कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) ने 5 जुलाई 2013 को हुई अपनी बैठक के दौरान मायलान इंक समेत कई अन्य फार्मा कंपनियों के एफडीआई प्रस्ताव पर विचार किया था. लेकिन एफआईपीबी ने उन ब्राउनफील्ड फार्मा परियोजनाओं पर निर्णय थोड़े वक्त के लिए टाल दिया था, जिनमें नियंत्रण हस्तांतरण का मामला भी जुड़ा हुआ था.
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB)
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) से जुड़े उन प्रस्तावों को मंजूरी देने हेतु एक सिगल विंडो का कार्य करता है जिन पर सीधे तौर पर एफडीआई की स्वीकृति नहीं होती. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों,अप्रवासी भारतियों तथा अन्य विदेशी निवेशकों के माध्यम से देश में निवेश की सुविधा प्रदान करके भारत तथा विदेश में निवेश संवर्धन कार्यकलापों की शुरूआत करके भारत में एफडीआई का संवर्धन करना है. एफआईपीबी में विभिन्न मंत्रालय के सचिवों के साथ-साथ आर्थिक मामलों के विभाग एवं वित्त मंत्रालय के सचिव अध्यक्ष के रूप में होते हैं. यह अंतरमंत्रालीय निकाय देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा, उच्चतम सीमा, कारकों पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के तहत करता है. वित्त मंत्रालय एफआईपीबी के अधिकतम 1200 करोड़ रुपए तक के प्रस्तावों पर की गई सिफारिशों को मंजूरी प्रदान करता है. ऐसे प्रस्तावों जिनका मूल्य 1200 करोड़ रुपए से अधिक होता है उनके लिए आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की स्वीकृति लेनी होती है.
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