ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री टोनी एबॉट को पार्टी के आंतरिक चुनावों द्वारा 14 सितंबर 2015 को सत्ता से निष्कासित कर दिया गया. लिबरल पार्टी की संसदीय बैठक में यह निर्णय लिया गया.
यह निर्णय पार्टी के आंतरिक चुनावों के पश्चात् लिया गया जिसमें वे मैलकम टर्नबुल से हार गये. इस चुनाव में एबॉट को 44 मत प्राप्त हुए जबकि टर्नबुल ने 54 वोट प्राप्त किये.
इसके परिणामस्वरूप टर्नबुल, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व संचार मंत्री, वर्ष 2013 से अब तक ऑस्ट्रेलिया के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे. वह देश के 29वें प्रधानमंत्री होंगे.
विदेश मंत्री जूली बिशप लिबरल पार्टी की डिप्टी लीडर रहेंगी. बिशप को 70 वोट प्राप्त हुए जबकि उनके प्रतिद्वंदी केविन एंड्रूयज़ को 30 वोट मिले.
यह चुनाव टर्नबुल द्वारा यह आरोप लगाये जाने के बाद कराये गये जिसमें उन्होंने टोनी एबॉट को असमर्थ बताते हुए देश की आर्थिक प्रगति के लिए नए नेतृत्व की बात कही थी. टोनी एबॉट को चुनौती देने से पहले टर्नबुल ने कैबिनेट से त्यागपत्र दे दिया था.
ऑस्ट्रेलियाई पार्लियामेंट सिस्टम के अनुसार प्रधानमंत्री का चुनाव मतदाता प्रत्यक्ष रूप से नहीं करते बल्कि वह संसद में पार्टी या गठबंधन के नेता के रूप में कार्य करता है.
जॉन होवार्ड ऑस्ट्रेलिया के अंतिम प्रधानमंत्री थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूर्ण किया. उन्होंने वर्ष 2007 में सत्ता छोड़ी थी. उसी वर्ष केविन रड निर्वाचित किये गये लेकिन उनकी ही पार्टी के अन्य सदस्य जूलिया गिल्लार्ड द्वारा निष्कासित कर दिए गये तथा वे ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला प्रधानमत्री बनीं.
इसके पश्चात्, जूलिया गिल्लार्ड को रड द्वारा वर्ष 2013 में निष्कासित किया गया. बाद में टोनी एबॉट की लिबरल पार्टी तथा नेशनल पार्टी के गठबंधन ने आम चुनाव जीत कर सत्ता प्राप्त की.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation