ऑस्ट्रेलिया– भारत रक्षा मंत्रियों की दूसरी वार्ता नई दिल्ली में संपन्न
2 सितंबर 2015 को ऑस्ट्रेलिया– भारत रक्षा मंत्रियों की दूसरी वार्ता नई दिल्ली में संपन्न हो गई. बैठक की अध्यक्षता भारत दौरे पर आए ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री केविन एंड्र्यूज और भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने की.
बैठक के बाद साझा रणनीतिक हितों और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करने के लिए प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की गई. वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने निम्नलिखित संयुक्त बयान जारी किया.
संयुक्त बयान की मुख्य बातें
• मंत्रियों ने साझा रणनीतिक हितों पर आधारित द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को व्यापक और गहरा बनाने की इच्छा की पुष्टि की और 18 नंवबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और टॉनी अबोट के सुरक्षा सहयोग समझौते के लिए रुपरेखा में उल्लिखित कार्ययोजना को लागू करने की इच्छा जताई.
• मंत्रियों ने पहले विश्व युद्ध की शताब्दी पर भी चर्चा की और गल्लिपोली अभियान के दौरान भारतीय एवं एएनजेडएसी बलों के योगदान को याद किया.
• हिंद महासागर में दोनों देशों के हितों और क्षेत्रीय एवं वैश्विक व्यापार में इसके महत्वपूर्ण महत्व के मद्देनजर मंत्रियों ने समुद्री नौवहन की आजादी के महत्व को स्वीकारा और द्विपक्षीय रक्षा संबंधों में समुद्री सुरक्षा को मुख्य घटक बनाए रखने पर सहमति जताई.
•ऑस्ट्रेलिया और भारत आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक सह निर्माण के हिस्से के दौर पर संयुक्त कार्य के जरिए सहयोग जारी रखने पर भी सहमत हुए.
•दोनों देशों के मंत्रियों ने भारत और ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के बीच, द्वीपक्षिय जहाजों के दौरों, हिन्द महासागर नौसैनिक संगोष्टी और इसी प्रकार के अन्य मंचों के माध्यम से आदान– प्रदान के जरिए संबंधों में सुधार जारी रखने पर सहमति जताई.
•दोनों देशों के बीच अतंरसक्रियता और सहयोग को बढ़ावा और समुद्री सुरक्षा में योगदान देने के लिए पहला नौसेना–से–नौसेना का द्वीपक्षीय समुद्री अभ्यास सितंबर 2015 के आखिर तक आयोजित किया जाएगा.
•फरवरी 2016 में रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी भारतीय नौसेना अंतरराष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेगी और द्विवार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास को जारी रखेगी.
•हमारे संबंधित शांति स्थापना केंद्रों के बीच साझेदारी की शुरुआत हुई. यह ज्ञान को साझा करने और आपसी क्षमता में वृद्धि करने के साथ शुरु होगा.
•आपसी समझ और क्षमता को बढ़ाने के लिए विषय विषेशज्ञों के आदान– प्रदान समेत विमानन सुरक्षा और वायु पात्रता पर वायु सेना सहयोग.
•रक्षा अनुसंधान और सामग्री सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह का गठन.
•रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स एक्सरसाइज पिच ब्लैक में भारतीय उपस्थिति के साथ वायु सेना के साथ करीबी संबंध.
•काउंटर– इप्रूवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (सीआईईडी) का निर्माण, जिसकी शुरुआत नियमित विषय विशेषज्ञों के आदान– प्रदान से होगी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation