आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने 22 सितंबर 2015 को अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन आउटलुक 2015 जारी किया.
इसे ओईसीडी देशों तथा कुछ गैर सदस्य देशों में होने वाले प्रवास के आधार पर विश्लेषण करने के उपरांत तैयार किया गया.
इसके अतिरिक्त, यह रिपोर्ट ओईसीडी देशों में प्रवासियों के लिए मौजूद रोज़गार बाज़ार के विकास पर भी प्रकाश डालती है.
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन आउटलुक 2015 की विशेषताएं
अधिकतर ओईसीडी देशों में प्रवास तेज़ी से बढ़ रहा है. इस प्रवास में वर्ष 2007 के बाद पहली बार तेज़ी से वृद्धि दर्ज की गयी तथा वर्ष 2014 में ओईसीडी देशों में 4.3 मिलियन स्थायी प्रवास के संकट में वृद्धि देखी गयी.
जर्मनी आव्रजन के क्षेत्र में दूसरे स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है जबकि आव्रजन संख्या में संयुक्त राज्य अमेरिका पहले स्थान पर है.
ओईसीडी देशों में प्रत्येक 10 अप्रवासियों में एक चीनी तथा 4.4 प्रतिशत भारतीय हैं.
कुल मिलाकर, वर्ष 2011-14 के दौरान ओईसीडी क्षेत्र में आप्रवासियों की औसत रोजगार दर में 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई तथा देश की आबादी में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी.
वर्ष 2014 में ओईसीडी देशों में शरण की मांग ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंची जबकि वर्ष 2015 में भी यह मांग बढ़ती रहेगी.
वर्ष 2000-01 एवं 2010-11 के बीच बहुत से डॉक्टर एवं नर्सों ने ओईसीडी देशों में अप्रवास किया. भारत जैसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में गंभीर की कमी के साथ जूझ रहे देश से 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ अप्रवासन दर्ज हुआ.
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