20 देशों के वित्त मंत्रियों ने 8 अक्टूबर 2015 को जलवायु परिवर्तन से होने वाले प्रभावों पर नियंत्रण हेतु वी 20 समूह की शुरुआत की. इस समूह का शुभारंभ पेरु के लीमा में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक के दौरान किया गया.
समूह का उद्देश्य ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के खिलाफ उनकी जंग में संसाधनों को एकत्र करना और यह अग्रणी औद्योगिकृत एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओँ के जी 20 समूह का पूरक है.
इस मौके पर वी 20 समूह के वित्त मंत्रियों ने अपनी पहली बैठक भी आयोजित की. बैठक की अध्यक्षता फिलिपिन्स के वित्त मंत्री सीजर पुरीसिमा ने की.
वी 20 समूह बैठक की मुख्य बातें
अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय और घरेलू लामबंदी समेत ये व्यापक स्रोतों से जलवायु परिवर्तन से निजात पाने के लिए सरकारी और निजी वित्त में उल्लेखनीय वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
ये जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले आर्थिक और वित्तीय जोखिम से निपटने के लिए वी 20 जलवायु जोखिम पूलिंग तंत्र स्थापित करने और नौकरियों, आजीविका, व्यापार एवं निवेशकों के लिए सुरक्षित माहौल सुनिश्चित करने को सहमत हुए.
वी 20 देशों ने जलवायु परिवर्तन लागतों, जोखिमों और सभी रूपों में प्रतिक्रिया सह– लाभों को बढ़ाने के लिए अपनी वित्तिय लेखांकन मॉडलों एवं तरीकों को विकसित करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई.
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने हेतु अतिरिक्त संसधानों के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेनदेन कर के समर्थन में आवाज उठाई.
अनुकूलन और शमन कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन वित्त तक पहुंच बढ़ाने, हरित जलवायु कोष में 100 बिलियन डॉलर पूरा करने की प्रतिबद्धता भी दुहराई.
इन्होंने जलवायु परिवर्तन के लिए पहल को अपनाने के लिए संसाधन खामियों में 50:50 के आधार पर संतुलन की दिशा में तेजी से काम करने का भी आह्वाहन किया.
पृष्ठभूमि
वी 20 की अवधारणा 2013 – 15 में कोस्टा रिका एक्शन प्लान ऑफ द क्लाइमेट वल्नरेबल फोरम (सीवीएफ) में बनी थी. वी 20 समूह करीब 700 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिनपर जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होने का खतरा मंडरा रहा है.
वी 20 सदस्य, सभी सीवीएफ प्रतिभागी देशों में शामिल हैः अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बारबाडोस, भूटान, कोस्टा रिका, इथियोपिया, घाना, केन्या, कीरिबाती, मेडागास्कर, मालदीव, नेपाल, फिलिपिन्स, रवांडा, सेंट लूसिया, तंजानिया, तिमोर–लेस्टे, तुवालु, वानुआतू और वियतनाम.

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