केंद्र सरकार ने विभिन्न कर कानूनों की समीक्षा के लिए 26 अगस्त 2013 को एक उच्चस्तरीय आयोग का गठन किया. इस आयोग के अध्यक्ष पार्थसारथी शोम होंगे जो कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय में वित्त मंत्री के सलाहाकार रह चुके हैं. इस पैनल का उद्देश्य है देश में वर्तमान कर कानूनों की समीक्षा करना एवं स्थिर एवं गैर-विरोधात्मक कर प्रशासन सुनिश्चित करने हेतु उपाय सुझाना.
कर कानूनों की समीक्षा हेतु बनाये गये इस कर प्रशासन सुधान आयोग (Tax Administration Reform Commission, TARC) का कार्यकाल 18 महीने होगा तथा इसमें अध्यक्ष समेत कुल सात सदस्य होंगे, जो कि निम्नलिखित हैं-
अध्यक्ष- पार्थसारथी शोम
पूर्णकालिक सदस्य - वाई जी परांदे तथा सुनीता कालिया
अल्पकालिक सदस्य – एम के जुत्शी, एस एस एन मूर्ती, एम आर दिवाकर और एस महालिंगम
आयोग के लिए प्रस्तावित कार्य
• कर विवादों के निपटारे हेतु वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा करना
• कर आधार बढ़ाने के उपाय सुझाना
• केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी), वित्तीय जांच इकाई (एफआईयू), प्रवर्तन निदेशालय और बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्र के बीच सूचनाओं को साझा करने के लिए सशक्त उपाय सुझाना.
• विवेक के आधार पर कर लगाने की व्यवस्था को समाप्त करना.
विदित हो कि वित्तमंत्री ने वर्ष 2013-14 के लिए बजट पेश करते समय कर प्रशासन सुधान आयोग के गठन का प्रस्ताव किया था.
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