प्रमुख औद्योगिक संगठन एसोचैम द्वारा 05 अक्टूबर 2013 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2010-11 में देश के दक्षिणी हिस्से में कृषि वित्त का प्रवाह सर्वाधिक रहा जबकि उत्तर पूर्वी हिस्से संदर्भित वर्ष में न्यूनतम था.
एसोचैम की कृषि वित्त प्रवाह पर जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2010-11 के दौरान दक्षिण भारत में 184046 करोड़ रुपये का प्रवाह हुआ जो कि वर्ष 2008-09 के 112342 करोड़ रुपये से अधिक है. दक्षिण भारत के राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु एवं केरल में किसानों को किसी अन्य राज्य की तुलना में कहीं अधिक ऋण उपलब्ध कराया गया.
उत्तर भारत में वर्ष 2010-11 में कृषि वित्त प्रवाह 115636 करोड़ रुपये था जो कि वर्ष 2008-09 के 84342 करोड़ रुपये से कहीं अधिक रहा.
वर्ष 2010-11 में देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में कृषि वित्त प्रवाह का प्रवाह 4620 करोड़, पश्चिमी हिस्से में 62804 करोड़ तथा पूर्वी हिस्से में 38261 करोड़ था.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान भी दक्षिण भारत में कृषि वित्त प्रवाह के बढ़ने की संभावना और यह पिछले वित्त वर्ष 2012-13 के 575000 करोड़ रुपये से अधिक होगा.
वर्ष 2012-13 में कृषि की देश के सकल घरेलू उत्पाद में हिस्सेदारी 14 प्रतिशत थी जबकि 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि या संबंधित उद्योगों पर आधारित है.
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