पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम और गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (GJM: Gorkha Janmukti Morcha, गोजमुमो) के नेता विमल गुरुंग के बीच पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सुकना स्थित पिंटेल गांव में 18 जुलाई 2011 को हुए त्रिपक्षीय समझौते के तहत गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA: Gorkhaland Territorial Administration) अस्तित्व में आया.
केंद्र सरकार की राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA: Cabinet Committee on Political Affairs, सीसीपीए) ने 18 जुलाई 2011 को नई दिल्ली में गोरखा आंदोलनकारियों के साथ हो रहे त्रिपक्षीय समझौते व गोरखा क्षेत्रीय प्रशासन (GTA: Gorkhaland Territorial Administration) के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA: Cabinet Committee on Political Affairs, सीसीपीए) की बैठक के बाद गृहमंत्री पी चिदंबरम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सुकना स्थित पिंटेल गांव गए. पिंटेल गांव में हजारों गोरखा और पहाड़ी निवासियों की मौजूदगी में त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (GTA: Gorkhaland Territorial Administration) की स्थापना हेतु हुए त्रिपक्षीय समझौते पर गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (GJM: Gorkha Janmukti Morcha, गोजमुमो) की ओर से रोशन गिरि, केंद्र के प्रतिनिधि केके पाठक और पश्चिम बंगाल राज्य के गृह सचिव जीडी गौतम ने हस्ताक्षर किए.
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