केंद्र सरकार ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) पर 16 दिसंबर 2014 को प्रतिबंध लगा दिया. यह कदम एक इंजीनियर के लोकप्रिय ट्विटर अकाउंट जिसमें आतंकवादी समूह की सैन्य अभियान की प्रशंसा की गई थी, की गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद उठाया गया.
इस प्रतिबंध का उद्देश्य इराक और सीरिया के क्षेत्रों में अपनी पैठ बना चुके पश्चिम एशिया समूह की गतिविधियों को सीमित करना है.
गिरफ्तार किया गया तकनीकी विशेषज्ञ मेहदी मसूद बिस्वास दक्षिणी टेक हब बेंगालुरु में एक खाद्य कंपनी के लिए काम करता था. वह एक प्रो– इस्लामिक स्टेट ट्विटर अकाउंट @ShamiWitness चलाता था जिसके 17800 फॉलोअर्स थे। पुलिस ने उसे 13 दिसंबर 2014 को गिरफ्तार किया था.
आज तक इस समूह पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया था?
इससे पहले भारत ने इस समूह पर भारत में उसकी बहुत कम गतिविधियों की वजह से प्रतिबंध नहीं लगाया था. इसलिए भी क्योंकि भारत को उन 39 निर्माण कामगारों की चिंता थी जो इराक से लापता थे और इस समूह के चंगुल में फंस गए थे. यह माना जा रहा है कि ये भारतीय आईएसआईएस के बंधक हैं.
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