केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2014 को इटली के फिनमेक्कान्निका और उसकी संबंधित कंपनियों से की जाने वाली रक्षा खरीद पर रोक लगाई. यह कार्रवाई कथित हेलिकॉप्टर घोटाले के मद्देनजर की गई.
रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा जारी दो अलग–अलग परिपत्र में कहा गया कि, ‘फिनमेक्कान्निका ग्रुप ऑफ कंपनीज और उसकी सहायक एवं सहयोगी कंपनियों से की जाने वाली सभी खरीद/ अधिग्रहण मामलों पर रोक लगा देनी चाहिए.’
परिपत्र में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों, आयुध निर्माण बोर्ड और अन्य संबंधित विभागों के साथ सभी तीन सेवाओं को इसका कड़ाई से पालन करने को कहा गया. इसके अलावा विभागों को रक्षा मंत्रालय ने उन कंपनियों के साथ सभी और किसी भी प्रकार के सौदा न करने की सलाह दी है जिनका नाम वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में शामिल है जैसे अगस्तावेस्टलैंड, आईडीएस ट्यूनीशिया, आईडीएस मॉरिशस, आईडीएस इंफोटेत. मोहाली और एयरोमैट्रिक्स सॉल्यूशन लिमिटेड, चंडीगढ़.
फिलहाल फिनमेक्कान्निका समूह की कंपनी सेलेक्स अपने रडार वाले स्वदेशी विमान वाहक कार्यक्रम में शामिल है. अभी तक सेलेक्स ने नौसेना को उच्च फ्रीक्वेंसी वाली संचार प्रणालियों के 300 सेट की आपूर्ति की है और खराब मौसम में भी सेना के विमानों की सुरक्षित लैंडिंग के लिए प्रीसिशन अप्रोच रडार की आपूर्ति अभी की जानी है.
पृष्ठभूमि
इससे पहले, केंद्र सरकार ने हेलिकॉप्टर घोटला सामने आने के बाद फिनमेक्कान्निका समूह के साथ रक्षा सौदों की गति को कम करने का फैसला किया था. लेकिन फिनमेकान्निका समूह के साथ किए गए सौदों को ठंडे बस्ते में डाले जाने का यह पहला मामला होगा.
ये दोनों ही परिपत्र मोदी सरकार के बनने के बाद जारी किए गए हैं. नरेन्द्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के 15वें प्रधानमंत्री के तौर पर पद की शपथ ली थी.
फिनमेक्कान्निका
फिनमेक्कान्निका अग्सतावेस्टलैंड की मूल कंपनी है, ऐसी कंपनी जिस पर एक सौदे में 3600 करोड़ रुपये के रिश्वत देने का आरोप है. इस सौदे के तहत कंपनी को भारतीय वायु सेना को 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की आपूर्ति करनी थी. रिश्वत 3600 करोड़ रुपये से ज्यादा की दी गई थी और इसी वजह से यह सौदा खत्म कर दिया गया था.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation