केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने भारतीय बौद्धिक संपदा कार्यालय (आईपीओआई) की ई– फाइलिंग प्रणाली के लिए भुगतान मार्ग (न्यू पेमेंट गेटवे) का शुभारंभ 8 सितंबर 2014 को किया. इसका शुभारंभ औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के सचिव अमिताभ कांत ने किया.
इसके द्वारा अब दो बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग की अपेक्षा 70 से अधिक बैंकों की इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा. इसकी वजह से पेटेंट और ट्रेडमार्कों के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने की दर 25 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो जाएगी. इससे पहले सभी फॉर्म बौद्धिक संपदा कार्यालय (आईपीओ) द्वारा उपलब्ध कराए जाते थे.
डीआईपीपी के सचिव द्वारा आईपीओआई के संबंध में शुरु की गईं अन्य पहलें
आईपी एक्सप्रेशंस: आईपी अभिव्यक्ति (IP Expressions) का पहला अंक विमोचित किया गया. यह एक तकनीकी पत्रिका है जो आईपीओ अधिकारियों को अपने ज्ञान और बौद्धिक संपदा के क्षेत्र में हासिल अनुभव को सबके साथ साझा करने का मंच मुहैया कराएगा.
आईपीओआई का कार्यालयः नई दिल्ली में आईपीओआई के नए कार्यालय भवन का उद्घाटन किया गया. यह भवन आईपीओआई के कामकाज को पेटेंट कॉपरेशन ट्रीटी (पीसीटी– पेटेंट सहयोग संधि) के तहत अंतरराष्ट्रीय खोज प्राधिकरण (आईएसए) और अंतरराष्ट्रीय प्राथमिक जांच प्राधिकरण (आईपीईए) के तौर पर करने के लिए समर्पित है.
आईएसए/आईपीईए भवन का निर्माण बौद्धिक संपदा कार्यालयों के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण की योजना के तहत 30.2 करोड़ रूपयों की लागत के साथ किया गया है.
स्टॉक एंड फ्लोः यह आईपीओआई द्वारा पारदर्शिता की पेशकश के क्षेत्र में बिल्कुल नवीन सुविधा है. परिणामस्वरुप, यह सुविधा उन पेंटेंटों के लिए भी होगी जो पहले सिर्फ ट्रेडमार्क के लिए उपलब्ध थे. इस सुविधा के माध्यम से पेटेंट कार्यालय में होने वाले सभी काम पूरी दुनिया के सामने दिखाई देंगे.
विभिन्न स्थानों के पेटेंट कार्यालयों के स्टॉक एंड फ्लो वास्तविक समय के आधार आधिकारिक वेबसाइट पर नजर आएंगें. इसलिए, आईपीओआई बौद्धिक संपदा कार्यलयों के बीच इस प्रकार की परम पारदर्शिता हासिल करने वाला दुनिया का पहला कार्यालय है.
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