केंद्र सरकार ने गैर-योजना व्यय में 10 प्रतिशत कटौती करने के लिए सरकारी खर्चे में कमी की शुरुआत की. इससे संबंधित दिशा-निर्देश केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा 30 अक्टूबर 2014 को जारी किया गया.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश की मुख्य बातें:-
• नौकरशाहों पर प्रथम श्रेणी में विदेश यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया और उनसे कहा गया कि वे जहां तक संभव हो वीडियो कान्फ्रेंसिंग का उपयोग करें.
• राजकोषीय घाटे को वित्त वर्ष 2014-15 में 4.1 प्रतिशत तक सीमित रखने के उद्देश्य से वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों पर पांच सितारा होटलों में बैठक आयोजित करने पर पाबंदी लगा दी.
• एक वर्ष से अधिक समय से खाली पड़े पदों को भरने तथा नयी नियुक्तियों पर रोक.
• अधिकारियों को वरीयता के आधार पर विभिन्न दर्जे में हवाई यात्रा करने की सुविधा प्राप्त है, लेकिन इसका चुनाव करते हुए बजट सीमा को ध्यान में रखते हुए मितव्ययिता बरतने की जरूरत पर जोर.
• हवाई यात्रा में सरकारी अधिकारीयों हेतु प्रथम श्रेणी में बुकिंग पर रोक.
• रक्षा बलों, अर्धसैनिक बलों और सुरक्षा संगठनों की परिचालन अनिवार्यता पूरी करने के लिए नए वाहनों की खरीद की मंजूरी है लेकिन अन्य विभागों हेतु नए वाहनों की खरीद पर प्रतिबंध.
• राजकोषीय स्थिति के लिहाज से व्यय को तर्कसंगत रखने और उपलब्ध संसाधन का अधिकतम उपयोग करने की जरूरत पर जोर.
विदित हो कि केंद्र सरकार ने राजकोषीय घाटे को वर्ष 2016-17 तक 3 प्रतिशत पर लाने का प्रस्ताव किया है. राजकोषीय घाटा वर्ष 2011-12 में बढ़कर 5.7 प्रतिशत के उच्चतम स्तर को छू गया था, जिससे मितव्ययिता पहल के जरिए वर्ष 2012-13 में 4.8 प्रतिशत पर और वर्ष 2013-14 में 4.5 प्रतिशत पर लाया गया.
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