केंद्रीय ‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय’ ने जुलाई 2014 के चौथे सप्ताह में उभय लिंगी (ट्रांस-जेंडर) बच्चों हेतु स्कूलों में प्रवेश के समय छूट का निर्देश जारी किया. राज्यों को जारी किये गए निर्देश के अनुसार, बच्चों को 'सर्व शिक्षा अभियान' के तहत स्कूलों में प्रवेश के समय अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में शामिल करने के लिए कहा गया. इससे इन बच्चों को ओबीसी के तहत मिलने वाले सभी लाभ प्राप्त होंगे.
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने लोकसभा में बताया कि, ‘राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति योजना’ तथा ‘राष्ट्रीय बालिका माध्यमिक शिक्षा प्रोत्साहन योजना’ में भी पुरुष एवं महिला के साथ-साथ ट्रांसजेंडर का भी एक विकल्प दिया गया है. इससे ट्रांस जेंडर बच्चों को खुद को स्त्री या पुरुष के रूप में दर्ज कराने के झंझट से मुक्ति मिलेगी.
विदित हो कि सर्वोच्च न्यायलय ने एक जनहित याचिका पर फैसला देते हुए ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता देते हुए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग की तरह सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा माना था.
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