शिपिंग मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय अंतर्देशीय जलामार्ग प्राधिकरण ने 4 नवम्बर 2015 को जालौर में एक अंतर्देशीय शिपिंग बंदरगाह के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार का मार्गदर्शन एवं सहायता करने का प्रस्ताव रखा. यहां विकसित किए जाने वाले बंदरगाह एवं टर्मिनल से पश्चिमी राजस्थान में अंतर्देशीय नौवहन सुविधाओं के विकास में मदद मिलेगी. यही नहीं, इससे इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास भी संभव हो पाएगा. राज्य सरकार नहर के आसपास चूना पत्थर, जिप्सम, लिग्नाइट और सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए व्यावसायिक विकास अवसरों की तलाश करेगी.
इस परियोजना की संभाव्यता-पूर्व रिपोर्ट को तैयार करने का काम वैप्कॉस द्वारा किया जाएगा. इसकी ओर से रिपोर्ट पांच माह के भीतर पेश कर दी जाएगी. इस दौरान भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण इस पर पूरी तरह से नजर रखेगा और इसके साथ ही वह इसके लिए मार्गदर्शन भी करेगा.
इसके अतिरिक्त मोरी खाड़ी और जालौर के बीच एक नहर बनाने का प्रस्ताव है. इस नहर को तीन मीटर की न्यूनतम तलछट को बरकरार रखना होगा.
यहां स्थित जल को लवण मुक्त करने और सिंचाई के लिए इसका उपयोग करने के प्रयास किए जाएंगे. इससे सूखा प्रतिरोधी फसलों के विकास और इस क्षेत्र में कृषि पैटर्न को बेहतर करने में मदद मिलेगी. नहर के आसपास कृषि से जुड़ी विविधता में बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए लवण प्रतिरोधी फसलों जैसे सोया की लाभप्रदता का भी अध्ययन किया जाएगा.
इसके अलावा इस खण्ड में स्मार्ट सिटीज का विकास करने की भी योजना है. इसी तरह इंदिरा गांधी नहर को जहाजों के चलने योग्य बनाने के उद्देश्य से भी अध्ययन कराया जाएगा.
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