केंद्रीय गृह मंत्रालय(एमएचए) ने जुलाई 2015 माह के पहले सप्ताह में नागालैंड का 'अशांत क्षेत्र' का दर्जा एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया है.
'अशांत क्षेत्र’ का यह दर्जा 30 जून 2015 से प्रभावी हो गया और यह 30 जून 2016 तक प्रभाव में रहेगा.
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना में राज्य को ‘अशांत’ और "खतरनाक" का दर्जा दिया गया जिसके कारण राज्य में सशस्त्र बलों का प्रयोग आवश्यक है.
केंद्र सरकार ने सम्पूर्ण नागालैंड को सशस्त्र बल(विशेष अधिकार) अधिनियम, 1958 की धारा 3 द्वारा के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य को एक वर्ष की अवधि के लिए एक अशांत क्षेत्र घोषित किया है.
यह निर्णय प्रमुख नगा विद्रोही समूह एनएससीएन- खलपलंग द्वारा मणिपुर के चंदेल जिले में सेना के एक काफिले पर हमला करने के बाद आया इस हमले में 18 सैनिकों की मौत हो गई थी.
वर्ष 2005 से नागालैंड सरकार, केंद्र सरकार से ‘अशांत’ राज्य का दर्जा हटाने की मांग कर रही है.
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